धमतरी। सिहावा क्षेत्र के ग्राम एकावरी में प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक द्वारा मासूम बच्चों के साथ अनैतिक कार्य किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। गुरु और शिष्य के रिश्तों को शर्मसार कर देने वाली इस घटना के बाद ग्रामीणों में काफी आक्रोश है, घटना की शिकायत के बाद आरोपी प्रधान पाठक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राथमिक शाला एकावरी में पदस्थ प्रधान पाठक खेलन सिंह शांडिल्य 55 वर्ष स्कूल में पढऩे वाले मासूम बच्चों को अपने घर बुलवाता था, जहां अपने कपड़े उतारकर बच्चों से शरीर की मालिश कराकर उनके साथ अनैतिक कृत्य करता था।
पिछले कई महिने से वह इस अनैतिक कृत्य को अंजाम दे रहा था, किसी को बताने पर परीक्षा में फेल कर देने की धमकी देता था, जिसके कारण डरे सहमे बच्चे मजबूर होकर यौन शोषण का शिकार होते रहे, लेकिन अन्य बच्चों के जरिये किसी तरह से यह बात परिजनों तक पहुंच गई।
परिजनों ने इसकी शिकायत विभाग के अधिकारियों से की जिसके बाद आरोपी प्रधान पाठक को निलंबित कर दिया गया, मंगलवार को नगरी एसडीएम सोरी, एसडीओपी आरके शुक्ला, बीईओ बीके सूर्यवंशी एवं बीएमओ डा ठाकुर एकावरी पहुंचे थे, जहां बच्चों का बयान लिया गया।
बुधवार को थाना में एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी को पास्को एक्ट की धारा 7, 8 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पालकों द्वारा शिकायत के बाद 14 मार्च को आरोपी को निलंबित किया गया, निलंबन के बाद विभाग की ओर से तत्काल थाना में एफआईआर दर्ज करानी थी, लेकिन ऐसा करने के बजाय फिर से मामले को दबाने का प्रयास किया गया।
मीडिया तक खबर पहुंचने और दबाव बनाए जाने के बाद ही थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। इस संबंध में डीईओ एसएन पंडा का कहना है कि शिकायत के बाद ही प्रधान पाठक को निलंबित कर दिया गया था जांच पूरी होने के बाद विभाग की ओर से थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई।
मामला दबाने का प्रयास
कांग्रेस कमेटी में अनुसूचित जनजाति विभाग के प्रदेश सचिव सीपी ठाकुर का कहना है कि झलियामारी और बीजापुर कांड से भी शासन प्रशासन ने सबक नहीं लिया है। लचर व्यवस्था और लापरवाही के चलते ही आश्रम, छात्रगण व स्कूल में पढऩे वाले बच्चे असुरक्षित हैं और उनके साथ इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।
आरोपी खेलन शांडिल्य पूर्व में भी सांकरा छात्रावास अधीक्षक पद पर रहते हुए छात्रावासी बच्चों के साथ ऐसी हरकते कर चुका है, वहीं कर्राघाटी में संकुल स्तरीय खेलकूद के दौरान भी एक बालक के साथ अनैतिक कृत्य किया था, लेकिन उस समय अधिकारियों ने मामले को दबा दिया था, एकावरी में भी यह मामला फरवरी माह में सामने आ चुका था।