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Chhattisgarh High Court decision on CG PSC 2003 examination
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : कई आला अफसरों की छिन सकती है नौकरी

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : कई आला अफसरों की छिन सकती है नौकरी
Chhattisgarh High Court decision on CG PSC 2003 examination
Chhattisgarh High Court decision on CG  PSC 2003 examination
Chhattisgarh High Court decision on CG PSC 2003 examination

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 2003 की राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए अनेक अधिकारियों की नौकरी पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।

हाईकोर्ट के इस फैसले से राज्य के विभिन्न जिलों में पदस्थ कई डीएसपी व डिप्टी कलेक्टरों की नौकरी खतरे मेें आ गई है। इस फैसले से यह तय माना जा रहा है, कि अगले दो महीने में 13 साल से नौकरी कर रहे कई डीएसपी को अपनी वर्दी तो कई डिप्टी कलेेक्टरों को अपनी कुर्सी छोडनी पड़ेगी।

वर्षा डोंगरे की याचिका पर आज बिलासपुर हाईकोर्ट ने अब तक का सबसे बड़ा फैसला सुनाया है। साल 2003 के पीएससी इम्तिहान को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने माना है कि चयन में भारी पैमाने पर गड़बडिय़ां हुई है और पीएससी की मेरिट सूची में हेराफेरी हुई है। इसलिए दोबारा से मेरिट सूची बनाई जाए।

हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि परीक्षा में एंथ्रोप्लॉजी का पेपर दोबारा से लिया जायेगा। वहीं इंटरव्यू के सेलेक्शन से वंचित रहे उम्मीदवारों के लिए भी दोबारा से इंटरव्यू कॉल करने का निर्देश जारी किया गया है।

खास बात ये कि पीएससी को इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए सिर्फ दो महीने का वक्त दिया गया है। 21 अक्टूबर तक नई मेरिट सूची पीएससी को तैयार करनी होगी।

जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट के आदेश के बाद 56 उम्मीदवारों के पदों में फेरबदल होगा। आज फैसले के मद्देनजर हाईकोर्ट में सुबह से ही चहल-पहल थी। कई मौजूदा अफसर आज फैसले को सुनने के लिए हाईकोर्ट में मौजूद थे जो फैसले के बाद अपने आंसू को नहीं छुपा सके और रोते हुए हाईकोर्ट से निकले।

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में ये भी बताया है कि जो नये मेरिट लिस्ट के आधार पर चयनित नहीं होंगे उन्हेें सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा। मानव विज्ञान यानि एंथ्रोपलॉजी का एक यार्ड स्टिक आधार पर नए सिरे से उत्तर पुस्तिका की जांच की जाएगी और नई मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी।

खास बात यह है कि इस मामले की मुख्य याचिकाकर्ता वर्षा डोंगरे को 5 लाख रुपए और रविंद्र सिंह व चमन सिन्हा को 2-2 लाख रुपए भी पीएससी को देेने का आदेश दिया गया है।

31 अक्टूबर तक लोक सेवा आयोग को समस्त विषयों को नए सिरे से सभी मुख्य परीक्षा में सम्मिलित करते हुए छात्रों की स्कॉलिंग कर नई मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी।