बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा इसी माह सात नवंबर को जारी नगरीय निकाय चुनावों की अधिसूचना पर रोक लगा दी है।
न्यायाधीश टीपी शर्मा तथा न्यायाधीश इन्दर सिह उबोवेजा की युगल खंडपीठ ने रायपुर के जगदीश कुमार आहूजा तथा ज्ञानेश शर्मा कि जनहित याचिका पर निर्णय देते हुए सभी प्रतिवादियो को तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।
याचिका में सचिव ग्रामीण विकास एवं नगरीय प्रशासन छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग संचालक नगरीय प्रशासन एवं ग्रामीण विकास और नगर निगम रायपुर को प्रतिवादी बनाया गया है। खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा है कि याचिकाकर्ता ने चुनाव अधिसूचना जारी होने के पूर्व ही वार्डो के परिसीमन में बरती गई अनियमितताओं एवं नियमों के घोर उल्लंघन की ओर सम्बंधित प्रतिवादियों का ध्यान आकर्षित किया था।
इसके बाद भी निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकायों के चुनाव घोषित कर दिए। हमारे सामने अब चुनाव अधिसूचना रोकने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है। अंत: जारी की गई अधिसूचना के प्रभाव और क्रियान्वयन पर आगामी आदेश तक रोक लगाई जाती है। प्रतिवादियो को खंडपीठ ने रायपुर नगर निगम की अनियमितताएं दूर कर तथा अन्य निकायों के चुनाव नियमों के अनुरूप कराने के लिए नए सिरे से अधिसूचना जारी करने की छूट दी है।
याचिकाकर्ताओं कि ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डा. निर्मल शुक्ला ने याचिका में कहा था कि रायपुर नगर निगम के वार्डो के परिसीमन में छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1956 तथा राज्य नगर पालिका अधिनियम 1994 के नियमो का पालन नहीं किया गया है। परिसीमन में विसंगतिया है जिसे समय रहते याचिकाकर्ता के आवेदन के बाद भी नहीं सुधारा गया जो स्पष्ट तौर पर नियम कायदों तथा संविधान का उल्लंघन है।