रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश व्यापी लोक सुराज अभियान के सुचारू संचालन के लिए सभी जिला कलेक्टरों को चिट्ठी भेजकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक महीने का यह विशेष अभियान 25 अप्रेल से शुरू होकर 24 मई तक चलेगा।
डॉ. रमन सिंह इस अभियान के तहत प्रदेश के गांवों और शहरों का आकस्मिक दौरा करेंगे और वहां संचालित शासकीय योजनाओं की प्रगति तथा जमीनी स्थिति को देखेंगे। प्रदेश सरकार के मंत्री, मुख्य सचिव और विभिन्न विभागों के सचिव तथा वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान जिलों का भ्रमण और आकस्मिक निरीक्षण करेंगे। मंत्रीगण भी जिलों में योजनाओं की समीक्षा बैठक लेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. सिंह लोक सुराज अभियान के तहत अपने भ्रमण के दौरान किसी एक जिले में आसपास के दो-तीन जिलों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर शासकीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
उन्होंने जिला कलेक्टरों से कहा है कि मेरी और प्रदेश सरकार के मंत्रियों की बैठकों में क्षेत्रीय सांसदों, संसदीय सचिवों और विधायकों को भी आमंत्रित किया जाए। डॉ. सिंह कुछ स्थानों पर जनदर्शन और प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे।
वे जिन स्थानों पर रात्रि विश्राम करेंगे वहां के प्रमुख नागरिकों, समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों और स्थानीय छात्र-छात्राओं से भी मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि लोक सुराज अभियान के लिए जिला कलेक्टरों की भूमिका मुख्य संयोजक की तरह होगी, जो विभिन्न विभागों के साथ तालमेल बैठाकर अभियान की सफलता सुनिश्चित करेंगे।
डॉ. सिंह ने मंत्रालय (महानदी भवन) से जारी पत्र में जिला कलेक्टरों को लिखा है-हमारा लक्ष्य सरकार की जनहितकारी नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों, अभियानों और विभिन्न प्रयासों का लाभ वास्तविक हितग्राहियों तक पहुंचाना है। प्रशासन को जनता के प्रति संवेदनशील और जवाबदेह बनाना लोक सुराज अभियान का मुख्य उद्देश्य है।
मुख्यमंत्री ने लिखा है-इस अभियायन के माध्यम से हम विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन, अधोसंरचनाओं के निर्माण और विकास कार्यों जैसे विभिन्न बिन्दुओं की समीक्षा करेंगे। अभियान के तहत मैं स्वयं प्रदेश के विभिन्न जिलों के शहरों और गांवों का आकस्मिक निरीक्षण करूंगा।
इस दौरान सड़क, रेल लाईन निर्माण, वाटर हार्वेसटिंग, जल संसाधनों के विकास और उन्नत खेती के लिए किए जा रहे कार्यों का भी निरीक्षण किया जाएगा। उनकी समीक्षा होगी और उनके लाभ सहित स्थानीय समस्याओं के बारे में भी चर्चा की जाएगी।
डॉ. सिंह ने लिखा है कि अभियान के दौरान सरकारी अस्पतालों, छात्रावासों, स्कूल-कॉलेजों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, तहसील कार्यालयों, राशन दुकानों और बस स्टैण्ड सहित विभिन्न सरकारी कार्यालयों में अचानक पहुंचकर वहां की कार्य प्रणाली, आम जनता से अधिकारियों और कर्मचारियों से व्यवहार तथा योजनाओं से जनता को मिलने वाले फायदों के बारे में जानकारी ली जाएगी।
निरीक्षण के बाद मैं शाम को किसी जिले में आसपास के दो-तीन जिलों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बैठक लूंगा। इन बैठकों में स्वच्छता अभियान, कृषि विकास योजनाओं सहित विकास के विभिन्न कार्यों की समीक्षा की जाएगी। जल संरक्षण और संवर्धन और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के बारे में जिले की कार्य योजनाओं का प्रस्तुतिकरण जिला कलेक्टरों द्वारा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि अभियान के दौरान प्रदेश सरकार के मंत्रीगण, मुख्य सचिव और सचिवगण तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी जिलों का दौरा करेंगे और वहां विभिन्न कार्यक्रमों में उपस्थित होंगे।
मंत्रीगण भी अपने भ्रमण के दौरान जिलों में आकस्मिक निरीक्षण करेंगे और हर जिले में अपने-अपने विभागोें से जुड़ी गतिविधियों तथा विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे और पत्रकारवार्ताओं को भी सम्बोधित करेंगे। लोक सुराज अभियान के दौरान हितग्राहीमूलक योजनाओं में सामग्री वितरण भी विभिन्न विभागों के समन्वय से किया जा सकेगा।
लोकार्पण और शिलान्यास के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अभियान के पहले सभी निर्माण कार्योें को जल्द पूर्ण करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला कलेक्टरों को पत्र में लिखा है-मैं चाहता हूं कि जनता के विभिन्न आवेदनों का निराकरण 23 अप्रैल तक हो जाए।
जिला स्तर पर प्रशासन अपनी मूलभूत जिम्मेदारियों का निर्वाह पहली प्राथमिकता के साथ करें। राजस्व प्रकरणों के निराकरण जाति प्रमाण पत्रों की प्रदायगी, गर्मी के मौसम में पेयजल व्यवस्था, स्वास्थ्य आदि से संबंधित व्यवस्थाओं पर ध्यान देकर यह सुनिश्चित किया जाए कि जनता को कोई तकलीफ न हो।
शाला प्रवेश उत्सव के माध्यम से स्कूलों में दाखिला सुनिश्चित करने का अभियान सफल हो और मनरेगा तथा अन्य रोजगारमूलक योजनाओं में समय पर भुगतान की व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को लोक सुराज अभियान के दौरान अपनी-अपनी विभागीय योजनाओं और उपलब्धियों का जिला स्तर पर प्रचार प्रसार करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि विकासखण्ड स्तर पर इसके लिए प्रचार-प्रसार रथ आदि का भी उपयोग किया जा सकता है।
स्वास्थ्य शिविर और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप अन्य शिविर भी लगाए जा सकते हैं। हर जिले में वहां की अपनी विशेष योजनाओं के लिए मौलिक तरीके से जन-जागरण अभियान भी संचालित किया जा सकता है, ताकि सकारात्मक वातावरण निर्मित हो। डॉ. सिंह ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश में पिछले साल कम बारिश होने के कारण सूखे की स्थिति बनी थी। इसलिए एक-एक बूंद पानी बचाने की जरूरत है। उन्होंने अपने पत्र में जल संरक्षण के लिए समाज की भागीदारी बढ़ाने और व्यापक जन-जागरण के लिए समुचित कदम उठाने की जरूरत पर भी बल दिया है।
डॉ. सिंह ने लिखा है कि राज्य में जल संरक्षण अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत विभिन्न उपायों के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकारी भवनों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था, हैण्डपंपों के आसपास पानी के सदपयाुेग के लिए भी वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली का उपयोग हो और अन्य प्रयासों से भी पानी की बचत को प्रोत्साहित किया जाए।
उन्होंने पत्र में जल संरक्षण प्रदर्शनी लगाने और पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत बताई और कहा है कि इसके लिए कृषि विभाग तथा पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।