जगदलपुर। नक्सलियों के गढ़ गोमपाड़ में जहां कभी नक्सलियों का काला झण्डा फहरता था वहां स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर पहली बार तिरंगा लहराया।
आप नेत्री सोनी सोढ़ी के नेतृत्व में एक दल 180 किमी की तिरंगा यात्रा के बाद सोमवार को गोमपाड़ पहुंचा। यहां सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में ध्वजारोहण किया गया।
सोढ़ी ने अपनी यात्रा को बस्तर में आदिवासियों पर हो रहे सरकार और पुलिस के ज्यादती के खिलाफत का लोकतांत्रिक विरोध बताया। सोढ़ी के साथ ग्रामीणों ने भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे लगाए।
ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें पहली बार महसूस हुआ, वे भी इस अखण्ड भारत का हिस्सा हैं। उनके गांव में पहली बार तिरंगे को लहराता देख ग्रामीण गौरवान्वित महसूस करते रहे।
यात्रा के दौरान सोढ़ी करीब एक दर्जन गांव में पड़ाव डाला। वहां ग्रामीणों को संविधान का महत्व समझाते हुए मौलिक अधिकारों से वाकिफ कराया।
सोढ़ी ने कहा कि आदिवासी अपने अधिकारों को लेकर जागरुक रहेेंगे तो उनकी आवाज दबाना आसान नहीं होगा।
गौरतलब है कि सोढ़ी ने 9 अगस्त को आदिवासी दिवस पर दंतेवाड़ा में अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष माल्यार्पण कर अपनी यात्रा शुरू की थी।
यात्रा की शुरूआत में वह आदिवासी महिला हुर्रे के बच्चे को गोद में लिए हुए थी। एक हाथ में तिरंगा और एक हाथ में संविधान लेकर उन्होंने यह यात्रा की। उनकी इस यात्रा को देश भर के सोशलिस्ट और मीडिया ने समर्थन दिया था।