रायपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं संगठन के वरिष्ठ नेता अजीत जोगी के पार्टी से निष्कासन मामले में फैसला फिलहाल आगामी दिनों के लिए टाल दिया है।
इससे जोगी को जरूर थोड़ी राहत मिली है हालांकि अभी भी उनके सिर पर खतरे की घंटी मंडरा रही है। क्योंकि समिति ने जल्द ही इस मामले पर निर्णय लेने की बात कहीं है। संभावना जताई जा रही है कि समिति इस मामले में फैसला लेने से पहले दोबारा जोगी से जवाब-तलब कर सकती है। हालांकि समिति की बैठक में जोगी के निष्कासन की सिफारिश की गई है।
गौरतलब हो कि अंतागढ़ उपचुनाव में हुई खरीद-फरोख्त के तथाकथित ऑडियो टेप के आधार प्रदेश कांग्रेस ने अमित जोगी को छह साल के लिए निष्कासित किया है और उनके पिता अजीत जोगी को पार्टी से निकालने की अनुशंसा की है।
पीसीसी की रिपोर्ट और जोगी के द्वारा पीसीसी को दिए गए जवाब के आधार पर कांग्रेस पार्टी का सोमवार को दिल्ली में अनुशासन समिति के अध्यक्ष एके एंटोनी के साथ गुलाम नबी आजाद, सुशील कुमार शिंदे और मोतीलाल वोरा ने जोगी के भविष्य पर चर्चा की।
बैठक खत्म होने के बाद वोरा ने मीडिया को बताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अजीत जोगी के निष्कासन की सिफारिश की है, वहीं उनके पुत्र अमित जोगी ने पीसीसी के द्वारा उन्हें निष्कासित करने के निर्णय के खिलाफ अपील की है। इन दो मुद्दों पर चर्चा की गई।
समिति अगले कुछ दिनों में अपना निर्णय लेगी। हालांकि संभावना जतायी जा रही है कि समिति निर्णय लेने से पहले दोबारा जोगी को जवाब-तलब कर सकती है।