नई दिल्ली/ रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीते साल हुए उप विधानसभा चुनावों में बीजेपी को ऐन मौके पर जीत मिल गई क्योंकि कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना नाम वापस ले लिया था। इस सब घटनाक्रम के पीछे नेताओं के बीच फिक्सिंग और पैसों के लेन देन किए जाने का खुलासा फोन टेप के जरिए हुआ है।
एक अंग्रेजी समाचार पत्र के हाथ कई फोन टेप लगीं है इसमें पूर्व सीएम अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी और मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता के बीच हुई बातचीत के अलावा नाम वापस लेने वाले कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार और जोगी के खास माने जाने वाले फिरोज सिद्दकी की बातचीत की फोन रिकार्डिंग है।
बीजेपी में शामिल हो चुके पवार और सिद्दकी के बीच बातचीत, सिद्दकी और जोगी के खास अमीन मेमन की बात, अमित जोगी और सिद्दकी के बीच हुई बातचीत के टेप भी सामने आए हैं। इनमें से अधिकतर बातचीत के टेनप अगस्त 2014 हुई वोटिंग के दिन की है।
मालूम हो कि मंतूराम के नाम वापस लेने पर तब कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने उनके उम्मीदवार को खरीद लिया है साथ ही चुनाव आयोग से अनुरोध किया थाकि चुनाव रद्द किए जाएं। टेप सार्वजनिक होने के बाद अब तक दो नेताओं ने स्वीकार कर लिया है कि आवाज उन्हीं की है। सिद्दकी ने माना कि रिकार्डिंग टेप में उन्हीं की आवाज सुनाई दे रही है।
उन्होंने कहा कि हां यह आवाज मेरी ही है। ये बातचीत अंतागढ उप चुनाव से पहले की है। मैंने अमित जोगी, अमीन मेमन और मंतूराम पवार से बात की थी। चुनाव मैनेज करने और पवार की उम्मीदवारी वापसी सुनिश्चित करने की योजना थी। उन्होंने आखिरी तारीख से एक दिन पहले अपना नाम वापस ले लिया था।
मैं रायपुर से ऑपरेट कर रहा था। चुनाव से दो दिन पहले प्लान पर काम शुरू हुआ। मंतूराम के साथ नाम वापस लेने के एवज में डील की गई थी। अमित ने भी कई वादे किए। पवार के नाम वापस लेने के बाद जोगी के परिवार ने मुझे 3.5 करोड़ रुपए दिए। मैंने इस रकम को अमीन मेमन को दे दिया।
अपनी उम्मदवारी वापस लेने वाले मंतूराम ने भी स्वीकार किया है कि टेप में रिकार्डिंग में आ रही साउंड उन्हीं की है। हालांकि पवार का कहनाहै कि उम्मीदवारी वापस लेने के लिए उन्हें किसी ने नहीं कहा था बल्कि ये फैसला उनका अपना था।
उन्होंने कहा कि किसी ने भी मुझसे संपर्कै नहीं किया और न ही किसी ने मुझ पर दबाव बनाया। उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला मेरा था। वह बातचीत नियमित थी। मैंने सिद्दकी से फोन पर कहा था कि मुझे बलि का बकरा बनाया गया है क्योंकि मैं चुनाव नहीं लडऩा चाहता था।
इस बीच टेप को लेकर मची खलबली के बाद अमित जोगी ने कहा कि वे इस खबर को छापने के लिए पब्लिकेशन और पत्रकार के खिलाफ केस करेंगे। वहीं भाजपा नेता श्रीचंद सुंद्रानी ने कहा कि भाजपा और मुख्यमंत्री का इन ऑडियो टेप से कोई लेना देना नहीं है। ये सब कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई का मामला है।