सारण (छपरा)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छपरा के राजेन्द्र स्टेडियम में आयोजित जीविका के कार्यक्रम का बुधवार को दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कार्यक्रम में भाग लेकर मुझे काफी प्रसन्नता हो रही है। आपका उत्साह एवं उमंग को देखकर मुझे पूरा भरोसा है कि बिहार में शराबबंदी का कार्यक्रम पूरी तरह सफल होगा। मैं उनलोगों का अभिनंदन करता हूं कि जिन्होंने शराबबंदी के लिए कार्य किया है। शराबबंदी में महिलाओं की अहम भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के लेागों ने फिर से काम करने का मौका दिया। 20 नवम्बर को शपथ ग्रहण के बाद 26 नवम्बर 2015 को आयोजित मद्य निषेध दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में मैंने इस बात की घोषणा कर दी थी 1 अप्रेल 2016 से शराबबंदी हो जाएगी। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रचार-प्रसार पर बल दिया गया।
सामाजिक चेतना जगाने की आवश्यकता थी। हमने शराबबंदी के हर पहलू पर गौर किया तथा उसे लागू करने के लिए कड़े कानून बनाए। लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया, इसमें आप सभी की भागीदारी रही। इस अभियान में सभी को शामिल किया गया। समन्वय का कार्य शिक्षा विभाग द्वारा किया गया। बच्चों ने अपने अभिभावकों से शपथ पत्र हस्ताक्षर कर जमा करवाए कि न तो वे खुद शराब पीएंगे तथा दूसरों को भी शराब नहीं पीने के लिए प्रेरित करेंगे।
31 मार्च तक एक करोड़ 19 लाख हस्ताक्षरित शपथ पत्र जमा कराए गए। ऐसा आज तक देश के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था। इसके अलावा नौ लाख जगहों पर शराबबंदी से संबंधित नारे लिखे गए। नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया। एक ऐसा माहौल बना कि घर-घर में यह आवाज पहुंच गई। शराबबंदी से महिलाओं, बच्चों और अधिकांश पुरूष में भी खुशी है।
1 अप्रेल तक जो वातावरण बना, उसे देखते हुए 5 अप्रेल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई। ऐसा माहौल बनाने के लिए मैं बिहार के लेागों का अभिनंदन करता हूं। शराबबंदी से सब खुश हैं। आपराधिक घटनाएं दुर्घटना आदि में कमी आई है। लोगों के व्यवहार में परिवर्तन आया है। अब संध्या में भी प्रायः शांति का वातवरण रहता है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में जब पूर्णिया गया था तो लोगों ने बताया कि आज कल शराबबंदी के बाद लोग घर पर जल्द आ जाते हैं तथा अपनी पत्नी की घर गृहस्थी में भी सहायता करते हैं। बिहार में सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद पड़ गई है। उन्होंने कहा कि बापू के चम्पारण सत्याग्रह के 100वें साल, बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर बापू के प्रति अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किया हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई नाजायज कार्य करता है तो उसे रोक दीजिए। अगर भट्ठी से नाजायज शराब बनाता है तो भट्ठी तोड़ दीजिए। आपके साथ पूरे सरकार की ताकत है। हमेशा सजग रहिए। आपलोगों से आग्रह है कि पैनी नजर रखिएगा। कोई भी सूचना मिलने पर सूचना उत्पाद एवं पुलिस विभाग द्वारा नियंत्रण कक्ष को दीजिए, प्राप्त सूचना पर तुरंत कार्रवाई होगी, इसकी रोज समीक्षा हेाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में घूम-घूमकर जागृत एवं सचेत कर रहा हूं। बिहार के बाहर भी पूरे देश में अब इसकी चर्चा शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि कल धनबाद में नारी संघर्ष मोर्चा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। नारी संघर्ष मोर्चा द्वारा झारखण्ड में पूरे तौर पर शराबबंदी लागू करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। झारखण्ड ही नहीं, राजस्थान के लोग भी शराबबंदी अभियान के संदर्भ में दिल्ली में मुलाकात किए थे।
राजस्थान के पूर्व नेता स्व गुरूशरण छावड़ा जिन्होंने शराबबंदी अभियान चलाया था, कि पुत्रवधू पूजा छावड़ा वर्तमान में शराबबंदी का अभियान राजस्थान में चला रही हैं। मुलाकात क दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने से हमलोगों का हौसला बढ़ा है। राजस्थान के शराबबंदी कार्यक्रम में आने केे लिए कहा।
शराबबंदी के समर्थन में जहां कहीं भी जाना होगा, जाऊंगा। महाराष्ट्र के चन्द्रपुर में महिलाओं के प्रयास से 1 अप्रेल 2015 से शराबबंदी लागू कर दिया गया है। वहां की महिलाएं पटना मुझे धन्यवाद देने के लिए आयीं तथा पूरे महाराष्ट्र में शराबबंदी का आन्दोलन चलाएंगे। इसके अलावा उड़ीसा तथा उतर प्रदेश में भी शराबबंदी के लिए आवाज उठना शुरू हो गई है।
15 मई को उतर प्रदेश जा रहा हूं। सब जगहों पर शराबबंदी की मांग उठना शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू करने के लिए कड़ा कानून बनाया गया है। अगर केाई जहरीला, नकली, अवैध शराब बनाकर बेचता है और उसके सेवन से किसी की मृत्यु हो जाती है तो बनाने वाले तथा बेचने वाले दोनों पर आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान है। बिहार शराबबंदी को सफलतापूर्वक लागू कर देश के लिए उदाहरण बन जाएगा।
नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी से सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ है, पर यह कोई नैतिक व्यापार नहीं था। अब शराबबंदी से लोगों का बारह से तेरह हजार करोड़ रूपए जो बचेगा, उसे अच्छे कार्य में खर्च करेंगे, इससे बाजार का विस्तार होगा और अन्य स्रोत से सरकार का राजस्व बढ़ेगा। जिस चीज से पूरा परिवार बर्बाद हो जाता था, वैसी आमदनी नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि समाज बदल रहा है। इसमें महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका है। आप सबने जो कार्य किया है, उसके लिए आपका नाम सोने के अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी लागू करने के लिए सब लोग पूरी मजबूती से लगे हुए हैं। शराबबंदी का पूरे देश में फैलाव होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूह के गठन से महिलाओं के जीवन में परिवर्तन हो रहा है और आप सब इस विकास के ध्वजवाहक हैं। उक्त कार्यक्रम में जीविका की तरफ से जीविका के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न भेंट किया।
उक्त कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, परिवहन मंत्री चन्द्रिका राय, कला, संस्कृति मंत्री शिवचन्द्र राम, खान एवं भूतत्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी.के. ठाकुर ने भी अपने सारगर्भित विचार रखे।