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मुख्यमंत्री राजे ने दी राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर अनेक सौगातें - Sabguru News
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मुख्यमंत्री राजे ने दी राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर अनेक सौगातें

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मुख्यमंत्री राजे ने दी राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर अनेक सौगातें
Chief Minister raje announces several scheme on second anniversary of her government
Chief Minister raje announces several scheme on second anniversary of her government
Chief Minister raje announces several scheme on second anniversary of her government

जयपुर।  मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने राज्य सरकार की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर जनपथ पर आयोजित ‘विकास संकल्प समारोह में प्रदेश के कोने-कोने से आए अपार जन समूह के बीच जनकल्याण को समर्पित करीब 9 हजार करोड़ रूपये के विकास कार्यों की घोषणाओं के साथ प्रदेशवासियों को अनेक सौगातें दीं।

इन घोषणाओं से प्रदेश में विकास के साथ-साथ आमजन के सामाजिक और आर्थिक उत्थान की नई राह खुलेगी जिससे प्रदेश के विकास का परिदृश्य भी बदलेगा। राजे ने शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के विकास, प्रदेश के सड़क तंत्र के सुदृढ़ीकरण, श्रमिकों के कल्याण के लिए योजनाओं, राजस्थान में कौशल विकास, उच्च शिक्षा, पंचायतीराज, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम एंटरप्राइजेज विभाग से जुड़ी अनेक घोषणाएं की।

मुख्यमंत्री ने की निम्न घोषणाएं

आरयूआईडीपी

-शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचना विकास के लिए 10 हैरिटेज कस्बों एवं 24 शहरों, जिनकी आबादी 50 हजार से 1 लाख तक है, में 4200 करोड़ रूपये के कार्य कराये जाएंगे।

-नगर निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के प्रशिक्षण एवं नगरीय क्षेत्रों के बेहतर प्रबंधन हेतु राज्य स्तरीय शहरी शासन प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी।

सार्वजनिक निर्माण विभाग

-कोटा दर्रा एन.एच.-12 पर 621.43 करोड़ रूपये की लागत से 4 लेन वाली 34.33 किमी लम्बाई की सीसी सड़क और जगपुरा, अलनिया एवं मंडाणा गांवों में बाईपास का निर्माण किया जाएगा।

-अनूपगढ़ सूरतगढ़ मार्ग पर 291.20 करोड़ रूपये की लागत से 74.60 किमी में 10 मीटर चैडाई की सीसी सड़क और 3 किमी जेतसर का लिंक सड़क का निर्माण किया जाएगा।

-ग्रामीण क्षेत्रों में सभी जिलों में 608.35 करोड़ रूपये लागत से 2,100 कि.मी. मिसिंग लिंक सड़कों का निर्माण कराया जाएगा।

-605 करोड़ की लागत से 123 पुलियाओं का निर्माण एवं 2,700 कि.मी. नोन-पेचेबल ग्रामीण सड़कों का नवीनीकरण किया जाएगा।

-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 18 जिलों के मरू एवं जनजाति क्षेत्र की 250 से 349 तक की आबादी की 1481 बसावटों को जोड़ने के लिए 1618 करोड़ की लागत से 4226 कि.मी. से अधिक सड़कों का निर्माण कराया जाएगा।

श्रम विभाग

– असंगठित क्षेत्र के भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों एवं उनके परिवार के कल्याण के लिए भामाशाह निर्माण श्रमिक कल्याण कार्यक्रम लागू किया जाएगा।

-इसके तहत 4 प्रमुख योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा

– निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना के तहत विभिन्न पाठ्यक्रमों में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के अध्ययनरत छात्र/छात्राओं की प्रोत्साहन राशि तथा छात्रवृति में 2 से 8 गुणा वृद्धि की जाएगी।

– निर्माण श्रमिक आवास योजना के तहत पंजिकृत निर्माण श्रमिकों की आवास समस्या के समाधान हेतु  1.5 लाख रूपये तक का अनुदान दिया जाएगा।

-निर्माण श्रमिक आवास योजना में  बीपीएल के साथ-साथ अनुसूचित जाति, जनजाति, विशेष योग्यजन, 2 पुत्रियों वाले परिवार तथा पालनहार योजना के परिवारों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।

– निर्माण श्रमिक स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पंजिकृत 7 लाख निर्माण श्रमिकों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रीमियम राशि का पुनर्भरण श्रमिक कल्याण मण्डल द्वारा किया जाएगा।

– निर्माण श्रमिक जीवन सुरक्षा योजना में निर्माण श्रमिकों को बीमा एवं पेंशन योजना का लाभ देने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की पूर्ण प्रीमियम, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना की देय प्रीमियम की आधी राशि एवं अटल पेंशन योजना के तहत 1,000 रूपये मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए औसत वार्षिक अंशदान की आधी राशि का पुनर्भरण श्रमिक कल्याण मण्डल द्वारा किया जाएगा।

– शुभ शक्ति योजना के स्वरूप में परिवर्तन कर पात्र निर्माण श्रमिकों की अधिकतम 2 अविवाहित पुत्रियों के लिए दी जाने वाली राशि में बढ़ोत्तरी कर अब 55 हजार रूपए प्रति बेटी बैंक खाते में जमा कर सहायता दी जाएगी।

-उक्त सभी योजनाएं 1 जनवरी, 2016 से राज्य के सभी जिलों में लागू की जाएंगी। जिस पर 300 करोड़ रूपये व्यय होंगे।

– राज्य में न्यूनतम मजदूरी की दरों में 01.01.2015 से बढोत्तरी की जाकर  न्यूनतम मजदूरी अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल एवं उच्च कुशल श्रेणी में क्रमशः 197 रूपये, 207 रूपये, 217 रूपये एवं 267 रूपये की जा रही है।

राजस्थान कौशल, आजीविका एवं उद्यमिता विभाग

– वर्ष 2014 में ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु शुरू की गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना की तर्ज पर महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत प्रोजेक्ट के तहत हमारे द्वारा प्रस्तावित पहली परियोजना की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा जारी कर दी गई है।

-इसके तहत राजस्थान कौषल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा आगामी 2 वर्षों  में 354 करोड़ रुपयों की लागत से ऐसे 86,000 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण करवाया जायेगा जिनके परिवारों ने महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत एक वर्ष में 100 दिवस का रोजगार प्राप्त किया है। ये परिवार महात्मा गांधी नरेगा के तहत सीमित कार्य कर रहे थे। कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से अब इन परिवारों के युवा वर्षपर्यंत रोजगार प्राप्त कर सकेंगे।

उच्च शिक्षा विभाग

-राष्ट्रीय उच्चतर षिक्षा अभियान के अन्तर्गत राज्य के उच्च, तकनीकी एवं संस्कृत षिक्षा के राजकीय महाविद्यालयो एवं विष्वविद्यालयों में आधारभूत संरचना के सुधार हेतु तीन वर्ष (2015-17) में 352 करोड़ रूपये व्यय किए जाएगें। इसके तहत बारां एवं बाड़मेर में नये इंजीनियरिंग काॅलेज खोले जायेगें।
-महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर में संचालित उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय प्रबंधन केंद्र की तर्ज पर प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी उद्यमिता केंद्र खोले जाएंगे।

पंचायती राज विभाग

-सरपंचों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में टेण्डर प्रक्रिया अपनाने से विकास कार्यों के त्वरित निष्पादन में आ रही प्रशासनिक कठिनाइयों को देखते हुए विकल्प के रूप में बी.एस.आर. दरों पर विकास कार्यों को करने हेतु पंचायती राज संस्थाओं एवं उनकी समितियों को अधिकृत कर दिया गया है।

-सरपंचों के कार्यों की कुल आडिट की संख्या में कमी आ सके एवं प्रक्रिया का सरलीकरण करने के संबंध में हम एक राज्यस्तरीय कमेटी बनाऐंगे।

-ग्रामीण कार्य निर्देशिका-2015 को लागू किये जाने के संबंध में सरपंचों की आपत्तियों को देखते हुये हमने नई कार्य निर्देशिका के संबंध में प्राप्त आपत्तियों के निस्तारण होने तक इसे लागू नहीं करने तथा तब तक ग्रामीण कार्य निर्देशिका-2010 लागू रखने हेतु निर्देश दे दिये है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम एन्टरप्राइजेज (एमएसएमई) विभाग

-भामाशाह रोजगार सृजन योजना – सुराज संकल्प घोषणा पत्र के अनुसरण में राज्य के पंजीकृत पात्र बेरोजगार नवयुवकों, शिक्षित बेरोजगार महिलाओं, अन्य महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग एवं विशेष योग्यजन व्यक्तियों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने हेतु इनको बैंकों से कम लागत पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे उद्योग, सेवा एवं व्यापार के क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यम को स्थापित कर रोजगार के नवीन अवसर सृजित करने के उद्देश्य से भामाशाह रोजगार सृजन योजना 13.12.2015 से प्रारम्भ की जा रही है।