जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयन्ती के अवसर पर दलित समाज को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से अम्बेडकर सम्बल योजना शुरू करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि मूंडला ग्राम स्थित अम्बेडकर पीठ को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जायेगा। अम्बेडकर सम्बल योजना के तहत दलित युवाओं को कौशल, आजीविका, नवाचार, उद्यमिता एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन देने के लिए कार्य शुरू किए जाएंगे
1.अम्बेडकर कौशल प्रशिक्षण केन्द्र
अम्बेडकर पीठ परिसर में आरएसएलडीसी के माध्यम से स्थापना। इसमें दलित छात्रों को विषेष प्राथमिकता दी जाएगी। इस केन्द्र के संचालन पर प्रति वर्ष लगभग 1 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। शुरूआत में अकाउन्टिंग एवं फूड एण्ड बेवरेज सेवाओं के कोर्स संचालित किये जायेंगे।
2.अम्बेडकर स्टार्टअप योजना
दलित युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी तथा नई तकनीक एवं नवाचार आधारित उद्यमिता में प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रथम चरण में 100 स्टार्टअप शामिल किए जाएंगे।
3.अम्बेडकर फैलोशिप योजना
राज्य के प्रतिभावान दलित छात्रों को पीएचडी स्तर पर अध्ययन एवं अनुसंधान के लिए आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से समाज शास्त्र, लोक प्रशासन, विधि, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र एवं दर्षन शास्त्र विषयों में फैलोशिप। प्रथम चरण में प्रति वर्ष कुल 6 छात्रों को लाभ।
4.अम्बेडकर इलेक्ट्रोनिक इन्फार्मेशन लाइब्रेरी नेटवर्क
अम्बेडकर पीठ में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को नवीनतम अध्ययन सामग्री के संग्रहण वाले एक आधुनिक पुस्तकालय की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
5.अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय छात्रवृति योजना
अनुसूचित जाति के प्रतिभावान विद्यार्थियों को विदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में अपने स्तर पर पीएचडी में प्रवेश लेने पर राज्य सरकार द्वारा प्रति वर्ष पांच शोधकर्ताओं को प्रति छात्र 25 लाख रुपये तक की सहायता।
6.डॉ. बी. आर. अम्बेडकर शोध चेयर
बाबा साहब के विचारों पर शोध के लिए कोटा विश्वविद्यालय में डॉ. बी. आर. अम्बेडकर शोध चेयर की स्थापना।
अम्बेडकर पीठ अब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, बैरवा महानिदेशक
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब की याद को चिरस्थाई बनाने के लिए अम्बेडकर पीठ को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने पूर्व आईपीएस अधिकारी के.एल. बैरवाल को इसका महानिदेशक बनाने की घोषणा की।
इस पीठ में प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश और विदेश के स्कॉलर डॉ. अम्बेडकर के जीवन दर्शन पर शोध कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमने अप्रेल, 2007 में करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से 75 बीघा भूमि पर अम्बेडकर पीठ की स्थापना की थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने इसका पूरा काम ठप कर दिया। जाते-जाते आनन-फानन में यहां दो कमरों में यूनिवर्सिटी जरूर शुरू कर दी।