जयपुर। राज्य सरकार के सबसे अहम मुख्यमंत्री जल स्वालंबन अभियान का समूचे राज्य में बुधवार से श्रीगणेश हो गया। अभियान के तहत अब राजस्थान अपने जल संसाधनों के संरक्षण पर खुद पहल करेगा।
सरकार के साथ-साथ राजनीतिक, सामाजिक धार्मिक और अन्य स्वंयसेवी संगठनों को भी इसमें शामिल होने का आह्वान किया गया है। अब राजस्थान अपने जल की खुद सुरक्षा करेगा।
मुख्य समारोह झालावाड़ में हुआ जहां मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़ के गर्दनखेड़ी तालाब पर श्रमदान के साथ इसका आगाज किया। जयपुर में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने केशव विद्यापीठ रोड स्थित जग्गा की बावड़ी पर मुख्यमंत्री जल स्वाल बन अभियान का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर उनके साथ महापौर निर्मल नाहटा, उपमहापौर मनोज भारद्वाज एवं नगर निगम की जल संरक्षण समिति के अध्यक्ष नवरतन नरनियां भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर जग्गा की बावड़ी की सफाई जन सहभागिता के माध्यम से कर जल संरक्षण ओर जल संचयन संबंधित गतिविधियों का शुभारम्भ किया गया, इस अभियान से जहां एक ओर जल स्त्रोतों का संरक्षण हो सकेगा वहीं विरासत के संरक्षण को बल मिलेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री कालीचरण सराफ ने जिले की पंचायत समिति जमवारामगढ़ के ग्राम मानोता में अभियान के जिला स्तरीय समारोह का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अभियान को देश के सबसे बड़े जल अभियान की संज्ञा दी।
समारोह के विशिष्ट अतिथि जिला प्रमुख मूलचन्द मीना थे। इसी प्रकार जिले के विधायकों ने भी अपने-अपने क्षेत्र में मुख्यमंत्री जल स्वाावल बन का विधिवत शुभारंभ किया किया।
मुख्यमंत्री राजे ने गर्दनखेड़ी में किया श्रमदान
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का शुभारंभ झालावाड़ के गर्दनखेड़ी तालाब पर से किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने वहां पर श्रमदान भी किया। वहीं राजसमंद से पीएचईडी मंत्री किरण माहेश्वरी ने किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर मुख्यमंत्री राजे के सपने को साकार करेंगे और सबके सहयोग से यह अभियान मील का पत्थर साबित होगी। इसके साथ ही बूंदी से मुख्यमंत्री जलस्वावलंबन अभियान का शुभारंभ जिला प्रभारी मंत्री यूनुस खान ने गेंडोली पंचायत के चाचोलिया तालाब से किया।
शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने अजमेर जिले के बांदनवाड़ा कस्बे में मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन योजना अभियान की शुभारम्भ की। इस दौरान नाड़ी की खुदाई के कार्य की शुरुआत की गई। प्रभारी मंत्री देवनानी भी खोदी गई मिट्टी से भरी तगारी सिर पर उठाने से गुरेज नहीं किया तथा श्रमदान में भाग लिया। अजमेर शहर में अभियान की शुरुआत आशागंज स्थित भांग बावडी से हुई।
3 हजार 563 गांवों में शुरूआत
अभियान के पहले चरण में 3 हजार 563 गांवों में वाटरशेड स्ट्रक्चर बनाने के लिए कार्य स्थल पर शिविर शुरू होंगे। इन शिविरों में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के सांसदों, विधायकों सहित सभी जनप्रतिनिधी स्थानीय स्तर पर शामिल होंगे।
अभियान में हर कोई अलग-अलग तरीकों और संसाधनों के जरिए मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि जल अभियान के लिए आर्थिक मदद देने के लिए विशेष बैंक अकाउण्ट तथा क्राउड फंडिंग कलेक्शन की व्यवस्था की गई है।