जयपुर। शहरी कल्याण शिविर में जारी होेने वाले पट्टों पर अब मुख्यमंत्री की तस्वीर भी लगाई जाएगी। राज्य सरकार का ये निर्देश नगरीय विकास और स्वायत्त शासन विभाग ने सभी स्थानीय, विकास प्राधिकरण, यूआईटी को प्रारूप भेजते हुए आदेश जारी किया है।
दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि इस प्रकार का कार्य सरासर अनुचित, नियम विरूद्ध व सर्वोच्च्य न्यायालय के निर्णय दिनांकित 13 मई 2015 व 18 मार्च 2016 के खिलाफ है। सर्वोच्च्य न्यायालय का निर्णय संवैधानिक रूप से बाध्यकारी है।
मुख्यमंत्री की तस्वीर अंकित पट्टा किसी वैधिक कार्य में भी आपत्ति होने पर उपयोगी सिद्ध नहीं होगा। पट्टे पर केवल धारक का ही फोटो होना चाहिए।
मुख्यमंत्री के पदच्युत होने पर नए मुख्यमंत्री द्वारा इन तस्वीरांकित पट्टों को निरस्त कर पट्टाधारकों को नए पट्टे लेने को बाध्य किया जा सकता है। ऐसा करना गरीब पट्टाधारकों के लिए बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकता है।
सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि लोकतंत्र में पट्टों पर मुख्यमंत्री की तस्वीर का इस तरह से चस्पाकरण कर सीएम को जमीन का मालिक अथवा बख्शिसकर्ता बनाना पूर्णतयाः गलत है।
यह उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवमानना के दायरे में भी आ सकता है। जिसके कारण पट्टा धारकों का कानूनी अधिकार भी चुनौती के दायरे में आ जाएगा। जिससे पट्टा धारकों को फायदे के बजाये अत्यधिक मात्रा में नुकसान भी हो सकता है।
साथ ही यह पट्टा जिन लोगों को दिया जा रहा है उस पर उनका मालिकाना हक है। इसलिए इस प्रकार अनैतिक व विधि विरूद्ध आदेश को तुरंत वापस लिया जाए। यही गरीब पट्टाधारकों के हित में होगा।