Warning: Undefined variable $td_post_theme_settings in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/news/wp-content/themes/Newspaper/functions.php on line 54
BACHO KO CANCER SE BACHNE KE UPAY | बच्चो को बचाये कैंसर होने से
Home Health Beauty And Health Tips बच्चो को बचाए इस तरह के कैंसर होने से

बच्चो को बचाए इस तरह के कैंसर होने से

0
बच्चो को बचाए इस तरह के कैंसर होने से
child suffering from cancer in early age

child suffering from cancer in early age

कैंसर एक ऐसी जानलेवा  बीमारी हैं जो कभी भी किसी को भी हो सकती हैं। आजकल यह बीमारी बच्चो में ज्यादा देखि जा रही हैं। दरअसल आजकल के बच्चे कुछ भी खा लेते है जो उनके शरीर को नुकसान पहुचने के साथ साथ स्वास्थ्य को ख़राब कर देता हैं।

हरे मटर खाइये और सेहत को बनाये हरा भरा

कैंसर के मामले पहले वयस्कों में ही सुनने को मिलते थे। लेकिन बड़ी संख्या में अब बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। कैंसर शरीर के किसी भाग में सामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है। सामान्य परिस्थितियों में शरीर की कोशिकाओं का एक नियंत्रित तंत्र होता है। जब कभी इस तंत्र में गड़बड़ी आती है, तब कार्सिनोजन हमला करने लगते हैं।
कई तरह का होता है चाइल्डहुड कैंसर
ल्यूकेमिया : अस्थि मज्जा और ब्लड के कैंसर को ल्यूकेमिया कहते हैं। बच्चों में पाए जाने वाले कैंसर में यह सबसे आम है। चाइल्डहुड कैंसर से पीडि़त बच्चों में 30 फीसदी बच्चे ल्यूकेमिया से ग्रस्त होते हैं। हड्डियों के जोड़ों में दर्द, थकान, कमजोरी और त्वचा का पीला पड़ जाना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। कीमोथेरेपी इसका एकमात्र इलाज है।
ब्रेन एंड सेंट्रल नर्वस सिस्टम ट्यूमर : यह बच्चों में दूसरा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है। कैंसर से पीडि़त बच्चों में 26 ‘ इसी के मरीज होते हैं। ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार के होते हैं। उन सभी के उपचार और स्वरूप अलग-अलग हैं। इसमें सिरदर्द, उल्टी, धुंधला या एक ही चीज दो दिखाई देना, चक्कर आना, चलते समय सहारे की जरूरत पडऩा जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
न्यूरोब्लास्टोमा : कैंसर का यह प्रकार शिशुओं और छोटे बच्चों को होता है। यह 10 वर्ष से ज्यादा आयु के बच्चों में शायद ही देखने को मिलता है। पेट में सूजन, हड्डी में दर्द और बुखार इसके लक्षण हैं। 6′ मामले इसी कैंसर के होते हैं।
विल्म्स ट्यूमर : विल्म्स ट्यूमर सामान्य तौर पर चार या पांच साल के बच्चों को होता है। पेट में गांठ पडऩा, भूख ना लगना, बुखार आदि इसके लक्षण हैं।
लिम्फोमाज : लिम्फोमा इम्यून सिस्टम सेल्स में पैदा होता है, जिन्हें लिम्फोसाइटिस कहते हैं। ये सबसे अधिक लिम्फ नोड्स और टॉन्सिल या थाइमस जैसे दूसरे लिम्फ टिश्यू में शुरू होता है। ये कैंसर अस्थि मज्जा और शरीर के दूसरे अंगों तक फैल सकता है। इसके लक्षण इस पर निर्भर करते हैं कि कैंसर कहां हुआ है।
इसके लक्षणों में वजन घटना, बुखार, पसीना आना, थकान और गर्दन, कांख या ग्रोइन (पेट और जांघ के बीच का हिस्सा) की त्वचा के नीचे गांठ आदि प्रमुख हैं। 8′ मामले इसी के होते हैं।
 
रेटिनोब्लास्टोमा : यह आंखों का कैंसर होता है। आमतौर पर यह दो साल की उम्र के आसपास के बच्चों को होता है। छह वर्ष से ज्यादा की आयु के बच्चों में यह शायद ही देखने को मिले। इससे पीडि़त बच्चों की आंखों पर रोशनी की जाए तो पुतलियां लाल दिखती हैं। रेटिनोब्लास्टोमा से पीडि़त बच्चों की आंखों की पुतलियां अक्सर स$फेद या लाल दिखती हैं।
बोन कैंसर : बोन कैंसर हड्डियों का कैंसर होता है। यह शरीर के किसी भी अंग से शुरू होकर हड्डियों में फैलता रहता है। यह हड्डियों में सूजन और दर्द पैदा करता है। चाइल्हुड कैंसर के तीन प्रतिशत मरीज बोन कैंसर से पीडि़त होते हैं।
उपचार
नई दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के कंसल्टेंट एवं कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर रमनदीप अरोड़ा बताते हैं कि देश में हर साल 50 हजार बच्चे कैंसर से ग्रस्त हो जाते हैं। मेडिकल साइंस में हुई प्रगति के कारण कैंसर के मामलों में सफलता की दर काफी बढ़ गई है।
यहां तक कि यूरोप और अमेरिका में कैंसर से पीडि़त 80′ बच्चे ठीक हो जाते हैं। कैंसर के लक्षणों को पहचानना थोड़ा मुश्किल इसलिए भी होता है, क्योंकि इसके लक्षण बेहद सामान्य होते हैं जैसे कमजोरी, थकान, हड्डियों में दर्द आदि। यही वजह है कि कई बार रोग की सही पहचान और उपचार में देरी हो जाती है।
ट्यूमर और इसके पास के ऊतकों को हटाने के लिए सर्जरी, ट्यूमर और कैंसर की कोशिकाओं को सिकोडऩे या नष्ट करने के लिए रेडिएशन थेरेपी और कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा करने या नष्ट करने के लिए कीमोथेरेपी कैंसर के आम उपचार हैं।
आपको यह खबर अच्छी लगे तो SHARE जरुर कीजिये और  FACEBOOK पर PAGE LIKE  कीजिए,  और खबरों के लिए पढते रहे Sabguru News और ख़ास VIDEO के लिए HOT NEWS UPDATE पर