बीजिंग। चीन ने अमरीका से दो टूक शब्दों में कहा है कि वह तिब्ब्त मसले पर कोई हस्तक्षेप न करे। उसने इस मुद्दे पर एक तरफ अमेरिका को आंख दिखाई तो दूसरी ओर नम्र भाषा का इस्तमाल करते हुए अपनी बात अमरीका प्रशासन से कही है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमरीका के विदेश मंत्री जॉन केरी को फोन पर चीन के आतंरिक मामले खासकर तिब्बत के मुद्दे पर दखल नहीं देने का आग्रह किया है।
इस संबंध में चीन के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर दोनों नेताओं के बीच की बातचीत का हवाला देते हुए कहा गया है कि वह पिछले दिनों अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की दलाई लामा के साथ मुलाकात से तिब्बत की आजादी को समर्थन नहीं करने के अमरीकी वादे का उल्लंघन हुआ है।
जबकि दूसरी ओर अमरीका की ओर से केरी ने कहा कि तिब्बत को लेकर वह अपनी नीति में परिवर्तन नहीं करेगा। वह तिब्बत को चीन का हिस्सा मानता है तथा अमरीका तिब्बत की आजादी का समर्थन नहीं करता है।
गौरतलब है कि चीन ने ओबामा से निर्वासित तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा की पिछले सप्ताह हुई भेंट का विरोध किया और इस संबंध में उसने कूटनीतिक माध्यम से अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। जिसमें कि उसने यहां तक कहा था कि यह अमरीकी वादे का उल्लंघन है, इससे द्विपक्षीय सहयोग को धक्का लगेगा।
व्हाइट हाउस में ओबामा की दलाई लामा के साथ निजी मुलाकात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता लू कांग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि तिब्बत का मामला चीन का घरेलू मामला है और किसी बाहरी देश को इसमें हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है।
लू ने कहा था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अमरीकी नेता ने किस तरह से दलाई लामा से मुलाकात की है, लेकिन इस मुलाकात से तिब्बत को चीन का हिस्सा मानने, तिब्बत की आजादी का समर्थन नहीं करने और अलगाववादी गतिविधियों का समर्थन नहीं करने के अमरीकी वादे का उल्लंघन हुआ है।