गुवाहाटी। चीन अमानवीय व हिंसा से भरा हुआ देश है। उसने कैलाश मानसरोवर पर, लद्दाख व तिब्बत पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। उसका कब्जा पूरी तरह से अमानवीय व असंवैधानिक है। यह राय भारत के 125 करोड़ जनता की है।
ये बातें आज शनिवार को असम की राजधानी गुवाहाटी के नीलाचल पहाड़ी पर स्थित शक्तिपीठ मां कामाख्या धाम परिसर में भारत तिब्बत सहयोग मंच के संरक्षक एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने कही।
उल्लेखनीय है कि भारत तिब्बत सहयोग मंच के सौजन्य से पूर्व की भांति इस वर्ष भी गुवाहाटी से तवांग तक तवांग तीर्थ यात्रा का आज शनिवार को कामाख्या धाम परिसर से शुभारंभ हुआ।
इस मौके पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि चीन की चालबाजियों को यह यात्रा पूरी तरह से उजागर करती है। यह यात्रा भारत की 125 करोड़ जनता का प्रतिनिधत्व करती है।
देश की जनता चीन को बताना चाहती है कि तिब्बत समेत अन्य कई देशों पर उसका कब्जा पूरी तरह से अवैध है उसे तुरंत खाली करे। उन्होंने कहा कि चीन गाहे-बगाहे अरुणाचल व पूर्वोत्तर पर अपना दावा पेश करता है, जो उसकी चालबाज नीतियों को उजागर करता है। इस यात्रा के जरिए देशवासियों को जागरूक किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि भारत तिब्बत सहयोग मंच के आह्वान पर बीते 2012 से गुवाहाटी से तवांग, बुमला तक तवांग तीर्थ यत्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस बार यह पांचवीं यात्रा है।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मंच के संरक्षक ने कहा कि देश के सभी नागरिक अरुणाचल व पूर्वोत्तर की एक-एक इंच भूमि से प्यार करते हैं। उन्होंने कहा कि चीन को अपने अवैध कब्जे को खाली करना होगा।
उन्होंने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य अरुणाचल के बौद्धिक व बौद्ध के साथ समन्वय बनाना है। साथ ही अरुणाचल पर पूर्वोत्तर के प्रति जनता व सरकार का विशेष लगाव है। यात्रा के जरिए इलाके में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही आर्थिक विकास को संबल प्रदान करना भी है।
उन्होंने कहा कि आज समूचा विश्व भारत के साथ है जबकि चीन आतंकी देश पाकिस्तान को के साथ पूरी तरह से खड़ा है। इतना ही नहीं चीन भारत के लिए सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की राह में लगातार अवरोध उत्पन्न कर रहा है। जबकि दाउद इब्राहिम और मसूद अजहर जैसे आतंकियों को आतंकी मानने से इंकार कर रहा है।
चीन भारत की 4000 किमी लंबी सीमा पर सेना व शस्त्र बढ़ा रहा है साथ ही वर्षों से भारतीय सीमा के साथ छेड़-छाड़ करता आ रहा है। चीन हिमालयी क्षेत्र में अपना पांव फैलाने की कोशिशों में जुटा हुआ है।
आरएसएस की कार्यकारिणी सदस्य ने कहा कि स्वामी विवेकानंद, वंकीमचंद चटर्ची और नेपोलियन बोनापार्ट ने वर्षों पहले ही कहा था कि चीन साम्राज्यवादी व विस्तारवादी देश है। अपने विस्तारवाद के लिए वह लाखों व करोड़ों लोगों की हत्या करने में उसे कोई परहेज नहीं है।
उन्होंने चीन के लुभावने व सस्ते उत्पादों के जाल में फंसने से बचने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि चीन के प्रति देश में बड़ा जनजागरण हो रहा है। इसका उदाहरण इस वर्ष की दीपावली के दौरान देखने को भी मिला है। जब देशवासियों ने चीनी उत्पादों का बहिष्कार कर चीन को आर्थिक धक्का दिया है।
उन्होंने चीन से विस्तारवादी नीति को छोड़ विभिन्न देशों पर किए गए कब्जे को छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत, एशिया व विश्व में शांति लाने के लिए चीन की विस्तारवादी नीति को रोकना आवश्यक है।
इंद्रेश कुमार ने इस मौके पर पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, अफगानिस्तान को सचेत करते हुए कहा कि आज का विकास कल के लिए दुर्भाग्यजनक बन सकता है। इसलिए चीन की विस्तारवादी नीति से बचना होगा।
तवांग तीर्थ यात्रा आज कामाख्या धाम से आरंभ हुई जो ईश्वर, भक्ती, देश प्रेम, समाज सेवा, जाति-धर्म का संदेश देते हुए नगांव, तेजपुर होते हुए कलंगपांग पहुंची। आगामी 21 व 22 नवम्बर को तवांग व बुमला में यह यात्रा पहुंचेगी।
यात्रा का समापन आगामी 24 नवम्बर को भारत-तिब्बत की सीमा पर भूमि पूजन के साथ होगा। यात्रा में 20 राज्यों के लगभग 176 यात्री शामिल हैं।
संगोष्ठी में असम के मंगलदै लोकसभा संसदीय क्षेत्र के सांसद व भाजपा नेता रमेन डेका से साथ ही निर्वासित तिब्बत सरकार की पूर्व मंत्री बोरो डोल्मा, यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक पंकज गोयल, राष्ट्रीय सह संयोजक आरके खिर्मे के साथ ही अन्य कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।