बीजिंग। चीन ने अपने तकनीति विकास और विस्तार में अमरीका जैसे शक्तिशाली देश को भी पीछे छोड़ दिया है। भले ही फिर अमरीका ने संचार उपग्रह के विकास के मामले में सबसे पहले शुरूआत की हो। चीन आज दुनिया का पहला क्वांटम संचार उपग्रह लांच करने जा रहा है, जिसका कि पहला प्रयोग जुलाई में होगा।
इस संदर्भ में चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज (सीएएस) ने कहा है कि चाइना पूरे विश्व में उपग्रह के माध्यम से दुनियाभर में पहला क्वांटम संचार करने के लिए तैयार हो गया है, वह इसी वर्ष जुलाई माह में अपना पहला प्रायोगिक क्वांटम संचार उपग्रह लांच करेगा।
यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑफ चाइना के प्रोफेसर पैन जियावेई ने बताया कि यह ऐसा उपग्रह है, जिससे होने वाले संचारों को बीच में अवरूद्ध किया जाना संभव नहीं होगा न ही इसे टेप किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि क्वांटम संचार की विशेषता इसकी बेहद उच्च स्तरीय सुरक्षा होती है, क्योंकि क्वांटम फोटॉन को न तो अलग किया जा सकता है और न ही इसकी प्रतिकृत बनाई जा सकती है।
चीनी वैज्ञानिकों को पहला क्वांटम उपग्रह विकसित करने और उसका निर्माण करने में पांच साल लगे हैं। चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज की इस परियोजना के शुरूआती दौर में उपग्रह का प्रक्षेपण और क्वांटम संचार के लिए चार जमीनी केंद्रों तथा एक अंतरिक्ष क्वांटम टेलीपोर्टेशन स्टेशन का निर्माण शामिल किया गया है।
इसके पूरा होने के बाद उपग्रह दो जमीन केंद्रों के साथ क्वांटम ऑप्टिकल लिंक स्थापित करने में सक्षम हो जाएगा। सीएएस के अनुसार इस उपग्रह को जून में जियुक्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र ले जाये जाने की जोजना बनाई गई है।
ऐसे हुई संचार उपग्रह की शुरूआत
4 अक्टूबर 1957 को प्रवर्तित पहला कृत्रिम उपग्रह सोवियत स्पुतनिक 1, एक ऑन-बोर्ड रेडियो – ट्रांसमीटर से सुसज्जित था, जिसने 20.005 और 40.002 मेगाहट्स दो फिक्वेंसियों पर काम किया। 1958 में संचार प्रसारित करने वाला पहला अमेरिकी उपग्रह प्रोजेक्ट स्कोर था, जिसने एक टेप रिकॉर्डर का प्रयोग स्वर-संदेशों को संग्रहित और अग्रसारित करने के लिए किया।
इसका उपयोग यू.एस. राष्ट्रपति ड्वाइट डी. इसेनहॉवर की ओर से पूरी दुनिया को क्रिसमस की बधाईयां भेजने के लिए किया गया। इसके बाद नासा ने 1960 में एक ईको उपग्रह प्रक्षेपित किया। इस 100 फ़ुट (30 मी) एल्युमिनिकृत पीईटी फिल्म गुब्बारे ने रेडियो संचार के लिए एक निष्क्रिय प्रतिक्षेपक के रूप में कार्य किया। फ़िल्को द्वारा निर्मित, 1960 में ही प्रक्षेपित कूरियर 1बी, दुनिया का पहला सक्रिय पुनरावर्तक उपग्रह था।
जिसके तुरंत बाद टेलस्टार का युग आया। यह पहला सक्रिय, सीधे प्रसारण वाला संचार उपग्रह था। भूमध्य रेखा के ऊपर 45ए कोण पर घूमते हुए, टेलस्टार को एक दीर्घवृत्ताकार परिक्रमा-पथ (हर 2 घंटे, 37 मिनट में संपूर्ण) में रखा गया था।
इसके बाद दुनिया में जो उपग्रह निर्माण का जो दौर शुरू हुआ वह आज लगातार अपने विकास के चरम की ओर पहुंचता जा रहा है। क्वांटम संचार उपग्रह इसी विकास का एक हिस्सा है, जोकि कल तक वैज्ञानिकों के लिए एक स्वप्र था, जिसे कि पूरा करने में चीन के वैज्ञानिकों ने बाजी मार ली है।