बीजिंग। चीन ने चिंग वंश (1636-1912) के आठ वंशजों के ताबूतों को क्षतिग्रस्त होने से रोकने के लिए शाही परिवार के मकबरों से हटाने का निर्णय लिया है।
इस खबर की जानकारी चीन के हेबेई प्रांत के पुरातत्वविदों ने दी। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की एक रिपोर्ट के मुताबिक सभी ताबुत राजपरिवार की शाही मकबरों में हैं, झुन्हुआ सिटी के ईस्टर्न चिंग टुम्स के नाम से जानी जाती है।
ईस्टर्न चिंग टुम्स के सांस्कृतिक स्मारक प्रबंधन कार्यालय के प्रमुख वांग झाओहुआ ने बताया कि ताबूत निकालने और जीर्णोद्धार के काम को राज्य के सांस्कृतिक विरासत प्रशासन ने मंजूरी दे दी है। उन्होने कहा कि इसको बचाने के लिए पारंपरिक बढ़ईगिरी और चित्रकारी का इस्तेमाल किया जाएगा।
गौरतलब है कि इन मकबरों को वर्ष 1928 में लूट लिया गया था। इस लूट के दौरान यहां कब्रों के साथ रखे गए दुर्लभ खजानों को चुरा लिया गया था। खासतौर पर सम्राट चियानलोंग और साम्राज्ञी दोवेगर सिशी की कब्र के साथ रखा सामान गायब हुआ था।
इन कब्रों को क्षत्रप सुन दियांयिंग के सैनिकों ने तोड़कर खोला था। जिसके बाद से ताबूत ‘भूमिगत महल’ कहलाने वाले इन मकबरों में खराब हो रहे हैं। यहां का वातावरण आद्रता से भरा रहा है।
वांग ने कहा, ‘‘हमें क्षतिग्रस्त हो चुके हिस्से हटाने और कम नाइट्रोजन ऑक्सीजन की तकनीक अपनाकर उनकी मरम्मत करने की जरूरत है। इसके रखरखाव की लागत लगभग 1.5 करोड़ युआन (24 लाख डॉलर) आंकी गई है।’’