बीजिंग। अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे से तिलमिलाए चीन ने भारत को अमरीका के फैलाए जाल में नहीं फंसने सलाह दी हैै।
भारत के 66वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भेजे बधाई संदेश में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हालांकि भारत के साथ परस्पर रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने की इच्छा जाहिर की है लेकिन इसके साथ ही चीन के समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स और पीपुल्स डेली में सरकारी सूत्रों के हवाले से छपे एक लेख में भारत को नसीहत देते हुए कहा है कि अमरीका उसे चीन के खिलाफ खड़ा करने के लिए झांसा दे रहा है, भारत को इसमें नहीं फंसना चाहिए।
खबर के अनुसार अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के दो बार भारत दौरे पर जाने से अंतर्राष्ट्रीय मीडिया काफी चौकन्ना हो गया है। कई ऎसी खबरें आ रही हैं जिसमें कहा जा रहा है कि अमरीका ऎसा भारत से दोस्ती गाठंने से ज्यादा उसे चीन के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए कर रहा है।
पीपुल्स डेली का कहना है कि पश्चिमी मीडिया भारत और चीन के बीच अरसे से चले आ रहे सीमा विवाद की आड़ लेकर दोनों को एक-दूसरे के विरोधी के रूप में पेश करने की कोशिश में लगे हैं। इसके पीछे अमरीका की बदनीयती छुपी हुई है। जबकि सच्चाई यह है कि चीन और भारत के बीच जितने विवाद हैं, उससे कहीं अधिक साझा हित हैं जिनपर मिलकर काम किया जा सकता है।
ऎसा कोई विवाद नहीं जो जीवन और मृत्यु का प्रश्न बन जाए। भारत और चीन की अपेक्षा चीन और अमरीका के बीच हितों केज्यादा टकराव हैं ऎसे में ओबामा की भारत यात्रा से चीन का चौकन्ना होेना और उस पर प्रतिक्रिया देना बहुत स्वाभाविक मान जा रहा है। ओबामा इस बार भारत के गणतंत्र दिवस के अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के तौर पर आमंत्रित किए गए थे।