नई दिल्ली। दोस्ती के नए अंदाज से लबरेज मेजबान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मेहमान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई वार्ता के दौरान भारत की उत्तरी सीमा पर चीनी घुसपैठ से उत्पन्न स्थिति की चिंता हावी रही। लद्दाख में चीनी घुसपैठ से उत्पन्न चिंता के साए में दोनों देशों ने आर्थिक संबंध में एक नया अध्याय जोड़ने का प्रयास किया। बीजिंग ने अगले पांच वर्षो में भारत में 20 अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की है।…
प्रतिनिधि स्तर के बाद 90 मिनट तक चली प्रतिबंधित वार्ता के बाद मोदी चीन की पीपुल्स आर्मी द्वारा लद्दाख के चुमार सेक्टर में की गई घुसपैठ पर अपनी चिंता जाहिर करने से खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने कहा कि सीमा विवाद का शीघ्र समाधान होना चाहिए। उन्होंने लगातार परेशानी उत्पन्न कर रहे सीमा के सवाल का हल करने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्पष्टता लाने का सुझाव भी पेश किया।
सीमा पर लगातार होने वाली घटनाओं पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए मोदी ने कहा कि हम सहमत हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और अक्षोभ की स्थिति आपसी विश्वास का और हमारे रिश्ते की पूरी संभाविता को महसूस करने का एक अनिवार्य आधार है।
मोदी ने कहा कि मैंने सुझाव दिया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्पष्टीकरण बेहद कारगर साबित हो सकता है और इसे फिर से शुरू करना चाहिए। कुछ वर्षो से यह रूका हुआ है।
चीन के राष्ट्रपति शी ने कहा कि दोनों पक्ष एक दूसरे की संवेदनशीलता और चिंताओं का आदर करने के लिए सहमत हैं और मुद्दों को सकारात्मक रूख के साथ सुलझा सकते हैं। उन्होंने हालांकि यह बात भी फिर से दोहराई कि सीमा से जुड़ा मुद्दा इतिहास से जुड़ा है और सीमाई इलाकों में दोनों ही पक्षों ने शांति और सौहार्द बनाए रखने में प्रगति की है।
लद्दाख के चुमार में सैकड़ों चीनी सैनिकों के घुसपैठ पर शी ने कहा कि चूंकि अभी तक सीमांकन नहीं हुआ है, इसलिए कभी-कभी ऎसा हो सकता है। दोनों पक्ष इस मुद्दे को सीमा संबंधी तंत्र से सुलझाने में सक्षम हैं, ताकि इन घटनाओं का आपसी रिश्तों पर कम से कम असर पड़े। उन्होंने कहा कि चीन सीमा संबंधी मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत के साथ अनुकूल दृढ़संकल्प से काम करेगा, ताकि सीमा पर शांति और सौहार्द कायम रहे।
शी ने कहा कि दोनों ही देश सीमा स्थिति के प्रभावी प्रबंधन और जल्द ही सीमा विवाद को सुलझाने में सक्षम हैं। यह सवाल पूछने पर कि चीन-भारत सीमा इतिहास से जुड़ा सवाल है, शी ने कहा कि दोनों पक्ष एक दूसरे की चिंताओं का आदर करने के लिए सहमत हैं। शी ने कहा कि कुछ घटनाएं हो सकती हैं, वैसे दोनों पक्ष मुद्दे को इस तरह से सुलझाने के लिए सक्षम हैं, ताकि द्विपक्षीय रिश्तों पर इसका प्रभाव न पड़े।
चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देश जल्द ही सीमा से जुडे मुद्दों को सुलझा लेंगे। शी ने मोदी को चीन आने का न्योता देते हुए कहा कि मैं अगले वर्ष मोदी को चीन आने का न्योता देता हूं। शी ने कहा कि सीमा संबंधी मुद्दों पर भारत के साथ गंभीरतापूर्वक काम करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के नेतृत्व को नियमित तौर पर मिलते रहना चाहिए और रणनीतिक दिशा प्रदान करना चाहिए। बहुध्रुवीय हो रही दुनिया में चीन और भारत दो महत्वपूर्ण ताकतें हैं। जब हम साथ मिलकर बोलेंगे, तो पूरी दुनिया सुनेगी। उधर, तिब्बत की स्वतंत्रता की मांग को लेकर तिब्बतियों ने राजधानी में जगह-जगह प्रदर्शन किए।