जयपुर। निकाय चुनाव में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के सामने बगावत कर चुनावी ताल ठोकने वाले कार्यकर्ताओं पर निष्कासन की तलवार लटक गई है।
पार्टी नेताओं की ओर से की गई समझाइश के बाद भी नहीं मानने वाले कार्यकर्ताओ को अब पार्टी बाहर का रास्ता दिखाएगी। भाजपा ने तो इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है वहीं कांग्रेस नेताओं ने भी कठोर कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
राज्य में शनिवार को नाम वापसी के अंतिम क्षणों तक दोनों दल बागियों को मनाने में जुटे रहे। कई निकायों में इनको सफलता भी मिली, लेकिन फिर भी सैंकडों बागी चुनाव मैदान में डटे हुए हैं।
अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लडऩे वाले बागियों पर भाजपा-कांग्रेस भी सख्त हो गई है। प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने कहा कि ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाएगा। इधर, कांग्रेस उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा ने बताया कि सभी निकाय समन्वयकों को बागियों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है जल्द ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।
गौरतलब है कि दोनों पार्टियों में नेताओं की आपसी खींचतान के चलते पार्टी प्रत्याशियों के सामने बागियों ने संकट खड़ा कर दिया है। इसके चलते अब पार्टी में भीतरघात की आशंका भी बढ़ गई है। शनिवार को दिनभर चले समझाइश के दौर के बाद शाम को बगावत करने वाले कार्यकर्ताओं की सूचियां तैयार होने लगी।