सबगुरु न्यूज-रेवदर। कांग्रेस केन्द्रीय पदाधिकारी सिरोही जिले में कांग्रेस में समन्वय और सशक्तिकरण की बात करने के लिए तीन दिन से पडाव डाले हुए हैं। ऐसे में उन्हीं के समाने गुरुवार को जिले के डांगी गुट और लोढा गुट के समर्थक सिर्फ एक मामूली बात को लेकर आमने सामने हो गए कि डांगी का नाम एक पूर्व सांसद के नाम के बाद में लिया गया।
इस मुद्दे को लेकर रेवदर तहसील में गुरुवार को कांग्रेस के केन्द्रीय पदाधिकारियों के सामने हुई कांग्रेस के प्रदेश महासचिव नीरज डांगी और सिरोही के पूर्व विधायक संयम लोढा के गुट के बीच जमकर नारेबाजी हुई। स्थिति हाथापाई तक पहुंच गई, जिसे स्थानीय वरिष्ट नेताओं ने बीच में पडकर सुलझाया।
स्थानीय बुढेश्वर महादेव मंदिर में गुरुवार को कांग्रेस की रेवदर ब्लाॅक की बैठक में हंगामा हो गया। हंगामा मात्र इस बात को लेकर हुआ कि स्वागत भाषण में पूर्व सांसद पारसाराम मेघवाल का नाम रेवदर विधानसभा से विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी एवं प्रदेश कांग्रेस महासचिव नीरज डांगी के नाम से पहले ले लिया था।
इसके लिए डांगी के समर्थक सिरोही के पूर्व विधायक संयम लोढा को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। यह देखकर लोढा के समर्थक उनके समर्थक संयम लोढा के समर्थन में नारे बाजी करने लगे। इस हंगामे में नीरज डांगी के समर्थन में संयम लोढा के खिलाफ नारेबाजी करने वाले कार्यकर्ताओं के बीच आबूरोड, सिरोही व शिवगंज ब्लाॅक कांग्रेस के नेता भी नजर आ रहे हैं।
रेवदर ब्लाॅक कांग्रेस के अध्यक्ष का भी यही आरोप है कि नारेबाजी करने वाले वाले आबूरोड और शिवगंज ब्लाॅक के थे, जो माहौल खराब कर रहे थे। स्थिति बिगडने पर रेवदर कांग्रेस के अन्य वरिष्ट नेताओं ने बीचबचाव किया, लेकिन स्थिति काबू में नहीं आई। कुछ लोगों ने तो दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच हाथापाई की स्थिति को देखते हुए पुलिस को फोन भी कर दिया था। हंगामा इतना था कि बंद परिसर में यह सुनाई नहीं दे रहा था कि कौन क्या कह रहा है।
दोंनो गुटों के बीच हुई इस घटना पर वरिष्ट पदाधिकारियों ने मौके पर ही नाराजगी भी जता दी। जो उनके भाषण में नजर आई। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल ने कहा कि कोई भी अपने आप को पार्टी से बड़ा ना समझे। हम सभी पार्टी के लिए काम करते हैं और इस तरह के विवाद नहीं होने चाहिए। पूर्व सांसद हरीश चैधरी ने इस पूरे मामले में सख्त नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं पार्टी की छवि खराब करती हैं। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता ही पार्टी की ताकत है इसलिए उसकी अनदेखी नहीं होनी चाहिए। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल, करणसिंह उचियारड़ा, पूर्व जालोर-सिरोही सांसद पारसाराम मेघवाल, बाड़मेर पूर्व सांसद हरीश चैधरी, कांग्रेस ब्लॉक कोर्डिनेटर चंदनसिंह राजपुरोहित, जिलाध्यक्ष गंगाबेन गरासिया, पूर्व विधायक संयम लोढ़ा समेत जिले के कांग्रेस उच्च पदाधिकारियों के सामने यह हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा।
बैठक में जिला उपाध्यक्ष आनंद कुमार जोशी, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष वीरभद्रसिंह, केपीसिंह, भूराराम, लखमाराम, मोतीराम, पूर्व प्रधान पदमा कंवर, अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष इब्राहीम खान, लोकसभा प्रत्याक्षी संध्या चैधरी ,जिला परिषद सदस्य रंजूरामावत, देवीदान चारण, ललित जोशी, यूथ कांग्रेस प्रदेश महासचिव भवानीसिंह, हिमपालसिंह , हर्शुल अग्रवाल, हरीश परिहार, पुखराज गहलोत, कुलदीपसिंह, सिद्धार्थ गहलोत समेत अन्य कार्यकर्ता पदाधिकारी मौजूद थे।
काफी समय से चल रही है खींचतान
संयम लोढा और नीरज डांगी के बीच लम्बे अर्से से जिले में खींचतान चल रही है। हाल ही में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के आगमन पर नजर आई। सचिन पायलट के आतिथ्य में सिरोही जिला मुख्यालय पर आयोजित जिला कांग्रेस के सम्मेलन में नीरज डांगी और उनके समर्थक शामिल ही नहीं हुए। इसके आयोजन का दरोमदार संयम लोढा गुट ने ले रखा था।
इसी तरह बाढ के दौरान सिरोही में आए सचिन पायलट के साथ नीरज डांगी और उनके समर्थक तभी तक रहे जब तक पायलट रेवदर विधानसभा में अवलोकन पर रहे। जैसे ही वह सिरोही के लिए रवाना हुए, नीरज डांगी और उनके समर्थक भी अलग हो लिए। लोढा गुट की गतिविधि भी रेवदर विधानसभा क्षेत्र में निरंतर बढती जा रही है। इससे भी डांगी गुट के लोग नाराज हैं।
गत विधानसभा चुनावों में भी रेवदर विधानसभा क्षेत्र के लोढा समर्थक को कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया था। इस बार लोढा के साथ इस क्षेत्र में पारसाराम मेघवाल सक्रिय हो गए हैं, संभावनाएं यह जताई जा रही हैं कि पारसाराम मेघवाल इस बार रेवदर विधानसभा क्षेत्र में लोढा गुट की ओर से प्रस्तावित प्रस्तावित हो सकते हैं। वहीं नीरज डांगी 2008 में यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी थे। इस बार भी वह इसी क्षेत्र से कांग्रेस का टिकिट लाने के लिए प्रयासरत बताए जा रहे हैं।
गत विधानसभा चुनावों से अब तक जिले में कंाग्रेस के दोनों गुटों के शक्ति संतुलन में भी तब्दीली हुई है। आबूरोड क्षेत्र के डांगी के करीबी लोग जहां अब लोढा के साथ नजर आ जाते हैं तो हंगामें में शिवगंज ब्लाॅक के कुछ ऐसे नेता भी डांगी के समर्थन में नजर आए जो कभी संयम लोढा के साथ नजर आते थे।
डेढ साल पहले हो चुकी है मारपीट
सिरोही जिला कांग्रेस में यह हंगामा कोई नया नहीं है। करीब डेढ साल पहले सिरोही डाक बंगले में हुए जिला कांग्रेस की बैठक में तो जिला परिषद सदस्य पुखराज गहलोत को पीट तक दिया था। उस समय लोढा गुट के लोगों पर गहलोत के साथ मारपीट का आरोप लगा था।
बाद में अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत आधा दर्जन लोगों को पार्टी से निष्कासित करने के आदेश भी आए थे, जो लोढा के समर्थक थे। वैसे पार्टी संविधान के तहत वह निष्कासन नहीं होने के कारण जिला कांग्रेस के पदाधिकारी ही उस निष्कासन को अप्रभावी मानते रहे।
सिरोही ब्लाॅक की बैठक हुई शांति से
इधर सिरोही ब्लाॅक की बैठक मेर मांडवाडा के इश्बोरजी मंदिर में हुई। यह बैठक बिना किसी हंगामे के हो गई। वैसे इस क्षेत्र में कांग्रेस के नेता गुमानसिंह देवडा पुखराज गहलोत के साथ हुई मारपीट के दौरान संमय लोढा के सख्त खिलाफ नजर आए थे।
इसके बावजूद यहां पर कोई बडा हंगामा देखने को नहीं मिला। मिटींग में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं राजस्थान के सहप्रभारी विवके बंसल, संगठन के सशक्तिकरण के लिए नियुक्त जिला समन्वयक एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव हरिश चैधरी, पूर्व विधायक संयम लोढा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव राजेन्द्र सांखला, गुमानसिंह देवडा, महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष हेमलता शर्मा, पूर्व प्रधान नितीराजसिंह देवडा, उप प्रधान मोतीसिंह देवडा, ब्लाॅक कांग्रेस उपाध्यक्ष खीमसिंह परमार, जिला कांग्रेस महामंत्री भगवतसिंह देवडा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के हिम्मत सुथार, कालन्द्री नगर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्रसिंह, ब्लाॅक कांग्रेस सचिव तेजाराम मेघवाल, देवाराम मेघवाल, प्रतापसिंह नून, किशोरसिंह जेला, शैतानसिंह निम्बोहडा, दरजाराम भील इत्यादि कार्यकर्ताओं ने संगठन से संबंधित सुझाव दिये ।