नई दिल्ली। दक्षिण जिला के सफदरजंग थाने में शनिवार देर शाम पैसों के बंटवारे को लेकर ग्रीनपार्क सब डिवीजन में तैनात दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टर व हवलदार के बीच जमकर जूतम-पैजार हुई। दोनों ने एक दूसरे का सिर भी फोड़ दिया।
हालात बेकाबू होने पर थाने से ही पुलिस कंट्रोलरूम 100 नंबर पर फोन भी करना पड़ गया। दोनों का सफदरजंग अस्पताल में मेडिकल कराया गया। रात 9:50 बजे सफदरजंग थाने से तबादला कर आरोपियों को दक्षिण जिला पुलिस लाइन भेज दिया गया, हालांकि पुलिस ने किसी प्रकार का मुकदमा दर्ज नहीं किया।
दक्षिण जिला में घटी इस तरह की घटना ने पूरे पुलिस विभाग की पोल खोलकर रख दी है। यह घटना इस बात की तस्दीक कर रही है कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है और तो और सूत्रों की मानें तो जिले के आला अधिकारी ने हैरान करने वाली इस घटना की जानकारी पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक व विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था दक्षिण पी कामराज तक नहीं होने दी।
झगड़ा करने वाले सब इंस्पेक्टर का नाम रामपाल व हवलदार का नाम श्याम सुंदर है। दोनों कई वर्षो से सफदरजंग थाने में तैनात थे। थानाध्यक्ष ने दोनों पुलिसकर्मियों को सबसे बड़े सब डिवीजन ग्रीनपार्क में लगाया था। शनिवार देर शाम दोनों जब ग्रीनपार्क में गश्त कर थाने पहुंचे तभी बीट के पैसों के बंटवारे को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई।
बात आगे बढ़ने पर दोनों एक दूसरे से गुत्थम- गुत्थी करने लगे। थाना परिसर में दोनों ने एक दूसरे को जमकर पीटा, लेकिन पहले तो थाने के अन्य कर्मी तमाशबीन बने रहे। दोनों को काफी चोट लगने से जब वे लहूलुहान हो गए तब कुछ कर्मियों ने दोनों को काबू में किया।
घटना को देखकर किसी कर्मी ने पीसीआर को कॉल कर दी। पीसीआर कर्मियों ने दोनों को सफदरजंग अस्पताल ले जाकर मेडिकल कराया लेकिन थानाध्यक्ष ने घटना को संज्ञान में लेकर दोनों के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया। झगड़े की सूचना जिले के आला अधिकारियो को मिलने पर उनके होश उड़ गए।
इस घटना से बड़ा सवाल यह उठता है कि जब दो आदमियों के झगड़े व पुलिस के साथ बदसुलूकी में पुलिस तुरंत मुकदमा दर्ज कर लेती है। जब दो पुलिसकर्मियों ने थाना परिसर में सरेआम वर्दी में झगड़ा किया, दोनों की वर्दी भी फट गई तब भी आला अधिकारी ने केस दर्ज क्यों नहीं किया? क्या इतने बड़े गंभीर अपराध की जानकारी पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को दी गई है।