जयपुर। वर्ष 2017 से आईआईटी के अलावा किसी भी केंद्रीय इंजीनियरिंग संस्थान में प्रवेश के लिए छात्र-छात्राओं को कक्षा 12वीं बोर्ड के अंकों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
यदि मानव एवं संसाधन विकास मंत्रालय ने सेंट्रल सीट एलोकेशन बोर्ड (सीएसएबी) के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी तो ऐसा संभव हो सकता है।
वहीं अथॉरिटीज को प्रवेश के लिए ज्यादा समय चाहिए और अगले साल से प्रतियोगिता परीक्षा थोड़ी पहले कराए जा सकती हैं।
सीएसएबी की ओर से सीबीएसई के पास 12वीं के स्कोर जमा करवाने में होने वाली देरी और इस साल के प्रवेश प्रक्रिया के दौरान कुछ विद्यार्थियों के स्कोर में गड़बड़ी को देखते हुए सीएसएबी ने केवल जेईई मेन के स्कोर के आधार पर ही प्रवेश देने का प्रस्ताव बनाया है।
इस कवायद के अनुसार एनआईटीएस और अन्य सरकारी सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थानों में एडमिशन के लिए क्लास 12वीं के स्कोर्स को दी जाने वाली 40 फीसदी वेटेज खत्म हो सकती है। ज्वाइंट सीट ऐलोकेशन अथॉरिटी का हिस्सा सीएसएबी इस साल की एडमिशन रिपॉर्ट में यह प्रस्ताव रखेगा।
एनआईटी के अनुसार देश के 47 उच्च माध्यमिक बोर्ड में से कई बोर्ड समय पर सीबीएसई को अपने स्कोर नहीं भेजते हैं। ऐसे में विद्यार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए हम सिर्फ जेईई मेन के स्कोर के आधार पर ही प्रवेश करने का प्रस्ताव रखेंगे।
गौरतलब है कि इस साल पहली बार किया गया ज्वाइंट सीट एलोकेशन प्रोसेस एक हफ्ते देरी से हुआ, क्योंकि सीबीएसई को बोर्ड की ओर से समय पर कक्षा 12वीं के स्कोर नहीं मिले थे।
इस वजह से टॉप संस्थानों में एकडेमिक सेशन में भी देरी हुई। वहीं ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन एपेक्स बोर्ड ने भी एक सब-कमेटी बनाई है जो जेईई मेन रेंक अलॉट करने के प्रोसेस की समीक्षा करेगी।
जेईई विशेषज्ञों के अनुसार सभी राज्य बोर्ड को भी ध्यान में रखना है। कुछ राज्यों में 12वीं कक्षा के एग्जाम अप्रैल अंत में होते हैं और हमें परीक्षार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं से पहले आराम देने की भी जरूरत है।