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वॉशिंगटन। अमरीका में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी कर रहे और अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर हो चुके रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को दक्षिणी कैरोलिना क्षेत्र में हुए चुनावों में आखिरकार जीत दर्ज कर ही ली। उधर, डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने नेवादा में बर्नी सैंडर्स को हराकर जीत का परचम लहराया है।
विख्यात रियल एस्टेट कारोबारी 69 वर्षीय श्री ट्रंप ने फ्लोरिडा के सीनेटर मार्को रुबियो को आसानी से 34.1 फीसदी मत प्राप्त कर पराजित कर दिया, जबकि रुबियो को 21.6 प्रतिशत मत मिले। इधर, टेक्सास के सीनेटर टेड क्रूज तीसरे स्थान पर रहे। जिन्हें 21.5 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि साउथ कैरोलिना में अत्यंत महत्वपूर्ण प्राइमरी से पहले राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी की दौड़ में डोनाल्ड ट्रंप सबसे आगे चल रहे थे। दूसरी ओर डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी की प्रबल दावेदार हिलेरी क्लिंटन को नेवादा में बर्नी सैंडर्स से कड़ी चुनौती मिल रही थी लेकिन अंत में वे विजय घोषित कर दी गईं।
अमरीका में पार्टी उम्मीदवार चुनने के लिए होने वाले मतदान को प्राइमरी के नाम से जाना जाता है। ट्रंप करे लेकर पहले ही उम्मीद की जा रही थी कि भारतीय मूल के अमरीकी गवर्नर निक्की हेली के गृह राज्य में वह जीत हासिल कर लेंगे।
पोप की आलोचना का नहीं हुआ असर
रियल एस्टेट कारोबारी श्री ट्रंप की चुनावों के पहले ईसाईयों के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने जमकर आलोचना की थी। उन्होंने आलोचना करते हुए ट्रंप के बारे में कहा था कि वे ईसाई नहीं हैं, क्योंकि इनकी योजना अमरीका और मैक्सिको की सीमा पर दीवार बनाने और अवैध रूप से अमरीका में रहने वालों को उनके देश भेज देने की है। वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी क्रूज को लेकर दिए बयान के बाद उन्होंने ट्रंप को अदालत में घसीटने की बात कही, लेकिन इन सब का ट्रंप पर कोई असर नहीं हुआ।
उधर, महंगे भाषणों के मुद्दे पर आलोचना झेल चुकीं हिलेरी क्लिंटन की जीत दर्शाती है कि जो लोग उन्हें कमजोर आंक रहे थे वे सभी इन चुनाव परिणाम के आ जाने के बाद गलत साबित हुए हैं। स्थानीय स्तर पर उनकी पकड़ पहले से मजबूत थी जो उनकी जीत से अब साबित हो गया है।