नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सोमवार को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर उन्होंने दिल्ली पुलिस, दिल्ली अग्निशमन सेवा के जवान, एनसीसी और स्कूल के छात्रों से सलामी ली।
मुख्यमंत्री ने दिल्लीवासियों को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की उपल्बिधियों को जिक्र किया। इसके साथ ही दिल्ली के स्कूलों में हाल ही में शुरू की गई पेरेंट्स मीटिंग का भी जिक्र किया।
केजरीवाल ने कहा कि आप सबने देखा पिछले महीने दिल्ली भर में हर सरकारी स्कूल में पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग हुई| इस दौरान टीचर्स कह रही थी कि इतनी लंबी लाइन तो किताबें कपड़े बंटने पर भी नहीं लगी, जितनी पीटीएम में देखने को मिली।
केजरीवाल के मुताबिक अगर सरकार ज्यादा पैसा गरीबों और मिडल क्लास की जेबों में डालेगी, तो अर्थ व्यवस्था में सुधार आएगा। उन्होंने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने एक बार फिर दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का जिक्र किया।
इसके अलावा उन्होंने सवाल किया कि दिल्लीवासियों की वोट की कीमत महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और दूसरे राज्यों से कम क्यों है? दिल्लीवालों को अपना विधायक, मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार है लेकिन चुने हुए नुमाइंदो कों सरकार चलाने का अधिकार क्यों नहीं है?
राहुल गांधी ने पहली बार कांग्रेस मुख्यालय पर झंडा फहराया
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को ने पहली बार पार्टी मुख्यालय में स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराया। राहुल गांधी ने तीन वर्ष पहले पार्टी उपाध्यक्ष का पद संभाला था।
दसअसल कांग्रेस मुख्यालय में आमतौर पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ही झंडा फहराती रही हैं, लेकिन रविवार सुबह सर गंगाराम अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद डाक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। इसलिए राहुल गांधी ने सोनिया गांधी की जगह झंडा फहराया।
हालांकि कांग्रेस समर्थकों का यह भी कहना है कि राहुल धीरे-धीरे पार्टी का कामकाजी अपने हाथों में ले रहे हैं यह उसी की एक झलक है।
उपराज्यपाल ने राजनिवास में ध्वजारोहण किया
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने 70 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सोमवार को सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ राजनिवास पर झंडा फहराया और गार्ड ऑफ ओनर की सलामी ली।
उपराज्यपाल ने इस दौरान अधिकारियों बधाई दी और कहा कि हर किसी को निश्चित रूप से संविधान में निर्दिष्ट आदर्शों के अनुरूप आचरण करना चाहिए। उन्होंने एकता, सहिष्णुता और समाज के सभी तबकों के बीच पारस्परिक आदर के प्रचार की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा आइए हम सभी और अधिक ईमानदारी, समर्पण और सच्चाई के साथ देश की सेवा करने के अपने संकल्प को फिर से दोहराएं। हमें निश्चित रूप से संविधान में प्रदत्त आदर्शों के अनुरूप आचरण करना चाहिए।