सबगुरु न्यूज-सिरोही। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का आपका जिला आपकी सरकार के तीन दिवसीय कार्यक्र्रम के तहत आज अंतिम प्रवास है। भाजपा पदाधिकारियों से बैठक भी हो गई और आम सभा में लोकार्पण और शिलान्यास भी।
भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के आने को लेकर जितना उत्साह था वो तीसरे दिन तक ढलने के कगार पर पहुंचा। उन्हें आशा थी कि जिले में आने पर वह कार्यकर्ताओं की व्यथा से अवगत होकर उनका उपचार करेंगी, शायद ऐसा हुआ नही। खैर प्रथम दिन एयरलाइन होटल में हुई बैठक में समस्याएं बताने से पहले ही उन्होंने भाजपा पदाधिकारियों से पूछ लिया कि सभी अपने अपने काम बताएं कि उन्होंने किया क्या है।
नाम ले लेकर जब उन्होंने सभी पदाधिकारियों से उनके द्वारा किए गए कार्यों, सरकारी योजनाओं, उनके प्रचार, उनसे लाभांवित करवाए गए लोगों की सूचना मांगनी शुरू की। वैसे ही जैसे किसी कार्पोरेट मीटींग में सीईओ मातहतों से कम्पनी की स्कीमों और टारगेटों के बारे में सवाल दागने लगता है। इन सवालों का असर यह हुआ कि कोई पदाधिकारी सिरोही के लिए शुरु मे तो कुछ मांगने की हिम्मत नहीं कर सका।
हां, यह जरूर है कि पांच घंटे तक चली इस बैठक के शुरूआती सवालों के जवाब देने में असमर्थ रहने के कारण हतोत्साहित हो चुके पदाधिकारियों को बैठक के दूसरे चरण में बोलने का मौका जरूर दिया। लेकिन इससे पहले अपने सवालों की बौछारों से वह एक संदेश दे चुकी थी, कि भाजपा पदाधिकारी बनकर लेटरपेड चलाने की बजाय धरातल पर जाकर सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार करने के अलावा किसी दूसरे काम से काम नहीं चलेगा। कुछ नया मांगने से पहले सरकार ने जो अब तक किया है उसको तो लोगो को बताओ।
उधर होटल की दीवार के दूसरी तरफ खडे कार्यकर्ताओं और दूसरी पंक्ति के जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा अधिकारियों के मार्फत यह संदेश मिल चुका था कि मुख्यमंत्री का उनसे सीधा संवाद तो किसी सूरत में नहीं हो सकता है। यही संदेश दूसरे दिन सर्किट हाउस में भी मिला और कार्यकर्ताओं ने भी अपने आत्मसम्मान के लिए मुख्यमंत्री से सीधे मिलकर समस्या बताने की बजाय उनके निवास से दूरी बनाने में ही भलाई समझी।
वैसे एयर स्ट्रीप, सर्किट हाउस और होटल के दरवाजे के नजारे भी इस ओर साफ इशारा कर रहे थे। दरअसल, सर्किट हाउस के अंदर जो अपनत्व मुख्यमंत्री खिलौने बांटते हुए बच्चों से साथ दिखा रही थी, उसी अपनत्व की आकांक्षा कार्यकर्ता एयर लाइन और सर्किट हाउस के बाहर लेकर पहुंचे दिखे, लेकिन मायूस लौटना पडा।
-जनसभा में भी संदेश
जनसभा में भी बारिश के बावजूद अपार जनसमूह उमडा। जनसमूह का श्रेय जिसे देना था उन्होंने मंच से दे दिया और इसी संदेश में कार्यकर्ताओं को यह संदेश भी मिल गया कि संगठन और सरकार ने जो दिया है वह काफी भी है और इसमें परिवर्तन की फिलहाल कोई अपेक्षा नहीं करें। जो कार्यकर्ता और भाजपा की नीति-रीति को मानने वाले पुराने समर्थक जिले में मुख्यमंत्री के आने से पहले तिरस्कृत थे वह मुख्यमंत्री के सामने भी तिरस्कृत ही रहे। दस हजार की भीड में भी अकेले के अकेले।। वैसे इस जनसभा मे मुख्यमंत्री के लिए एक और सवाल छोड गई कि आखिर दस मंडलों में किस मंडल के नेतृत्व में सबसे ज्यादा लोगो का विश्वास था।
निस्संदेह खुद संगठन के पदाधिकारी और इस जनसमूह में मौजूद लोग इस बात की गवाही दे रहे थे कि पिण्डवाडा का श्रेय अतुलनीय था। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सिरोही के तीन दौरों में भी पिण्डवाडा का योगदान अतुलनीय रहा था। वैसे राजे ने सामुहिक श्रेय दे दिया, लेकिन इस समीक्षा की भी जरूरत है कि किसका योगदान सबसे कम रहा क्योंकि यह तय है कि यह जनसमूह भाजपा समर्थित ही होगा। तो ऐसे में ज्यादा लोगों व् समर्थकों को जुटाने वाले नेतृत्व को सराहना और नाकाम रहने वालों को रास्ता दिखाने का समय भी आ रहा है।
क्योंकि यदि यह लोग भाजपा समर्थित थे तो जिसके नेतृत्व में आए निस्संदेह उसमें इनका विश्वास है। वैस सार्वजनिक रूप से लोगों और कांग्रेसियों को नसीहत देने वाले ये खुसुर-फुसुर भी करते दिखे कि भाजपा के फलां नेता ने दौरे को लेकर क्या कहा या फलां पदाधिकारी और कार्यकर्ता क्यों नाराज रहा। एयरलाइन की बैठक का सार्वजनिकी करण जनसभा में हो गया। मुख्यमंत्री ने पूर्व निर्धारित लोकार्पणों व शिलान्यास के साथ अपनी बजट घोषणा के चार कामों को और शिलान्यास और लोकार्पण किया। घोषणाओं से पहले भाजपाई जिस कुछ नया मिलने की बात कर रहे थे वह यही था।
-भ्रष्टाचार पर संदेश में असमंजस बरकरार्
मुख्यमंत्री ने जनसभा में साफ कर दिया कि वह भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगी। भ्रष्टाचार करने वाला चाहें कोई भी क्यों नहीं हो, बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन, ढाई साल के कार्यकाल में सिरोही जिले में ही फैले भ्रष्टाचार पर मौन ने लोगों को यह भी सोचने को मजबूर कर दिया कि वह सिर्फ कांग्रेस कार्यकाल के भ्रष्टाचार की बात कर रही हैं या भाजपा कार्यकाल के भ्रष्टाचारियों को भी संदेश दे रही हैं।
क्योंकि जिस जनता के बीच वह यह संदेश दे रही थी उन्होंने सिरोही में भाजपा के कार्यकाल के ढाई सालों में न तो कांग्रेस के भ्रष्टचारियों को सलाखों पीछे देखा और न हीं भाजपा के शासन में प्रमाणित भ्रष्टाचार वालों को। उल्ट ेजिले में भ्रष्टाचार के आरापों से घिरे लोगांे को मुख्य पदो पर आसीन जरूर देखा। खुद भाजपा के निकाय ही कथित रूप से भ्रष्टाचार के सबसे बडे अड्डे बनकर उबर रहे हैं। जिस सफाई को लेकर वह संजीदा दिखीं सफाई ठेकों पर लाखों रुपये बर्बाद करके भी निकाय शहरवासियों को सुखद अहसास नहीं करवा पा रहे हैं। इसका कारण है इनकी प्रभावी माॅनीटरिंग नहीं होना।
इतना ही नहीं खुद मुख्यमंत्री कार्यालय से आई भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच करने वाले अधिकारी को हतोत्साहित करने के लिए निंदा प्रस्ताव लेने वाले उन्हीं के पार्टी के आबूरोड ब्लाॅक अध्यक्ष व पदाधिकारियों के खिलाफ भी जिले के लोगों ने कोई कार्रवाई तो नहीं देखी। तो यह सोचना तो लाजिमी है कि भ्रष्टाचार की वो कौनसी किस्म है जो उन्हें नाकाबिले-बर्दाश्त है।
-इस बैठक ने क्या दिया आबूवासियों को
आठ साल बाद मुख्यमंत्री ने आबू विकास समिति की बैठक ली। उस समय भी मुख्यमंत्री वह स्वयं ही थीं। उनका इसके लिए शुक्रिया कि उन्होंने आबू की सुध ली, लेकिन उनके कार्यालय से जारी सूचना में यह नहीं बताया गया कि पिछली बैठक के सालगांव परियोजना, 33 केवी की लाइन तथा अनादर प्वाइंट से भैरूतारक धाम तक के रोप वे का क्या हुआ।
हां, पार्किंग व्यवस्था के लिए उन्होंने बेहतर बनाने की बात कही। इसका निराकरण समय सीमा में किया जाना चाहिए। कांग्रेस काल में स्वीकृत मल्टी स्टोरी पार्किंग के स्वीकृत दस करोड रुपये की राशि का ही स्वीकृति अभी मिल जाए तो माउण्ट आबू को काफी राहत मिल सकती है। बैठक में पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए जो प्लान बनाने को कहा था वह प्लान तो जोनल मास्टर प्लान में पहले ही बन चुका है। उनकी सरकार को तो सिर्फ इसे क्रियान्वयन ही करना है।
अवैध निर्माणों को रोकने लिए उन्होंने अच्छा संदेश दिया, लेकिन इसके लिए सबसे पहले उन्हें भाजपा को ही ताकीद करना होगा क्योंकि पिछले महीने सिरोही छह मंत्रियों की बैठक के दौरान उनकी सरकार के अधिकारी यही काम करने के लिए गुरुशिखर पहुंचे थे, लेकिन सिरोही में माउण्ट आबू के ही भाजपा वाले यह फरियाद लेकर 28 जून को पहुंचे हुए थे कि इस कार्य को रुकवाया जाए क्यों कि अधिकांश अतिक्रमी और अवैध निर्माणकर्ता पार्टी समर्थक हैं।