मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने शनिवार को किसानों का कुल 34,000 करोड़ रुपए का कर्ज माफ करने की घोषणा की है, जिसका फायदा राज्य के 89 लाख किसानों को मिलेगा।
किसानों की कर्ज माफी को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से कहा कि किसानों पर 1.5 लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया जाएगा, जिसका मतलब है कि 40 लाख किसानों का पूरा का पूरा कर्ज माफ हो जाएगा।
जो किसान समय पर अपना कर्ज चुकाते आए हैं, उन्हें 25,000 रुपए बोनस के रूप में या कर्ज वापसी पर 25 फीसदी या इनमें से जो भी कम होगा, दिया जाएगा।
कृषि उत्पादों की कीमतों में गिरावट के चलते प्रदेश भर में किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला लिया था।
फडणवीस ने किसानों का कर्ज माफ किए जाने के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया और महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी के नाम पर कर्जमाफी की इस योजना का नामकरण किया।
फडणवीस ने कहा कि बारिश कम होने और तूफान के चलते हुए नुकसान के चलते किसान कर्ज नहीं चुका पा रहे थे। इसलिए हमने किसानों की मदद के लिए यह ऐतिहासिक फैसला लिया। किसी अन्य राज्य ने किसानों का इतना बड़ा कर्ज माफ नहीं किया है।
साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि कर्जमाफी के चलते राज्य सरकार पर अतिरिक्त भार पड़ेगा।
फडणवीस ने कहा कि यह सच है कि राज्य सरकार को इससे अतिरिक्त बोझ सहना पड़ेगा। हम इसके लिए अन्य विभागों के खर्च में कटौती करेंगे। हमें कुछ कड़े फैसले लेने होंगे।
भाजपा और राज्य सरकार में सहयोगी शिव सेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार और अन्य विपक्षी नेताओं के साथ हुई बैठक में कर्जमाफी का फैसला लिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्जमाफी में सहयोग देने के लिए सभी विधायक एवं मंत्री अपना-अपना एक महीने का वेतन दान देंगे।
इसके अलावा राज्य सरकार 1.5 लाख रुपए से अधिक कर्ज लेने वाले किसानों के लिए ‘एकमुश्त निपटान’ (वन टाइम सेटलमेंट) भी लागू करेगी। इस योजना का लाभ छह लाख किसानों को मिलेगा। किसान संगठनों ने बिना किसी सीमा के किसानों का सारा का सारा कर्ज माफ किए जाने की मांग की थी।