कोटा/बूंदी। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने के मामले में पांच साल के लक्ष्य को तीन साल में ही हासिल कर लिया है।
उन्होंने कहा कि हमने सुराज संकल्प पत्र में प्रदेश में 20 हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण का वादा किया था, जबकि हम 3 साल में ही 22 हजार किलोमीटर लम्बी सड़कों का निर्माण कर इस लक्ष्य को पीछे छोड़ चुके हैं।
आगामी 2 साल में अतिरिक्त 10 हजार किलोमीटर लम्बाई की सड़कों का निर्माण किया जाएगा। वसुंधरा राजे रविवार को कोटा जिले की इटावा पंचायत समिति के कृषि उपजमंडी प्रांगण में 120 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से बनने जा रहे गेंता-माखीदा पुल के शिलान्यास समारोह को सम्बोधित कर रही थीं।
उन्होंने कोटा जिले के लिए 158 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। बूंदी जिले के पापड़ी (लाखेरी) में गेंता-माखीदा पुल के दूसरे छोर पर आयोजित शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री ने इस जिले को पुल के अतिरिक्त 262 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने घोषणाओं में ही पूरा समय निकाल दिया और जमीनी स्तर पर कुछ नहीं किया। जबकि हमने अपने पहले कार्यकाल में भी अपने वादे पूरे किए और इस बार भी अपने वादे निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम जनता को स्थाई राहत दिलाने के लिए समस्याओं को जड़ से खत्म करने पर फोकस कर रहे हैं। श्रीमती राजे ने कहा कि आज जिस गेंता-माखीदा पुल का काम शुरू किया गया है, उसके निर्माण की मांग 60 वर्षों से की जा रही थी, लेकिन उस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
हमारी सरकार ने यहां की जनता को राहत दिलाने के लिए इस पुल को लेकर जोरदार पैरवी की। इस पुल के लिए सुप्रीम कोर्ट तथा केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से निर्माण की स्वीकृति लेकर आए। साथ ही, इसके निर्माण के लिए हमने कैम्पा फण्ड के लिए 20 करोड़ रुपए वन विभाग में भी जमा करवा दिए।
अब इसका काम विधिवत रूप से शुरू हो गया है, जो मई 2018 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि गेंता-माखीदा पुल के निर्माण से यहां के निवासियों को आने-जाने में करीब 150 किलोमीटर की दूरी कम तय करनी पड़ेगी, जिससे उनके समय, श्रम एवं धन की बचत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर की तर्ज पर कोटा सहित अन्य संभागों में भी ‘ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट’ का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘न्याय आपके द्वार’ और ‘दीनदयाल उपाध्याय जन कल्याण पंचायत शिविर’ आगे भी आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले 3 साल में कोटा जिले में 8900 करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए गए हैं। राजे ने कहा कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार ने राज्य में करीब 40 हजार से ज्यादा ई-मित्र केन्द्र स्थापित किए हैं, जिससे विभिन्न विभागों की सेवाओं को डिजीटलाईज किया गया है।
उन्होंने बताया कि ई-मित्र पर किए जाने वाले प्रत्येक कार्य की दर बोर्ड पर अंकित की गई है, ताकि आमजन से किसी प्रकार से अवैध वसूली न हो। उन्होंने बताया कि राज्य में संचालित सभी राशन की दुकानों में पीओएस मशीनें लगाई जा चुकी हैं, जिससे गरीब को मिलने वाले खाद्यान्न का हक अब कोई नहीं मार सकेगा।
साथ ही, शहरी क्षेत्र में गरीब-मजदूरों को सस्ती दरों पर नाश्ता एवं भोजन उपलब्ध कराने के लिए अन्नपूर्णा रसोई योजना शुरू की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की अनूठी महिला वित्तीय सशक्तीकरण योजना के तहत भामाशाह खातों में अब तक 5.5 हजार करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं।
इस योजना के साथ ही स्वास्थ्य बीमा का लाभ भी दिया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 300 करोड़ रुपए से अधिक के बीमा भुगतान किए जा चुके हैं। राजे ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से बूंदी जिले के आबादी क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा अभयारण्य क्षेत्र से बाहर आ गया है। इसके बाद लोग अपनी जमीन के खुद मालिक हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि चम्बल का पानी कोटा से बूंदी तक लाने की लम्बे समय से चली आ रही मांग भी पूरी हो गई है। उन्होंने बूंदी जिले के चतरगंज (हिण्डौली) में 10 करोड़ रुपये की लागत से सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र बनाने की घोषणा भी की। इस केन्द्र पर किसानों को नई तकनीक से खेती करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान सरकार का राज्य को अकाल से सुकाल की ओर ले जाने का उठाया गया एक बहुत बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि अभियान के प्रथम चरण में 3500 गांवों में वर्षा जल का संग्रहण करने के लिए जल संरचनाएं बनाई गई हैं।
इस अभियान से सम्पूर्ण राज्य में लोगों को न सिर्फ पेयजल, सिंचाई के लिए वर्षा का शुद्ध पानी मिला है बल्कि इससे गिरते भू-जल स्तर में भी 2 से 3 फीट का सुधार हुआ है। राजे ने कोटा में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की सफलता से संबंधित पुस्तिका ‘जल संरक्षण की नई इबारत’ का विमोचन किया।
उन्होंने बूंदी में प्रतिभाशाली छात्राओं को स्कूटी की चाबियां सौंपी तथा उपस्थित जन समूह के बीच जाकर लोगों से मुलाकात की। इस मौके पर सार्वजनिक निर्माण एवं परिवहन मंत्री यूनुस खान, राज्य बीज निगम के अध्यक्ष शम्भू सिंह खेतासर, सांसद ओम बिड़ला ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
इस दौरान सांसद रामचरण बोहरा, विधायक विद्याशंकर नन्दवाना, चन्द्रकान्ता मेघवाल, संभागीय आयुक्त रघुवीर सिंह मीणा, आईजी विशाल बंसल सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।
बूंदी के कार्यक्रम में पीडब्ल्यूडी मंत्री यूनुस खान, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बाबू लाल वर्मा, सांसद ओम बिड़ला एवं नारायण पंचारिया, राज्य सफाईकर्मी आयोग के अध्यक्ष गोपाल लाल पचेरवाल, विधायक अशोक डोगरा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण एवं आमजन उपस्थित थे।
गेंता-माखीदा पुल 1562.40 मीटर लम्बाई, 11.23 मीटर चौड़ाई और 40.80 मीटर ऊंचाई में बनेगा। इस पुल के निर्माण से सवाईमाधोपुर एवं लाखेरी की तरफ से इटावा, बारां, झालावाड़ तथा मध्यप्रदेश के शिवपुरी की तरफ जाने के लिए लगभग 70 किमी की दूरी कम हो जाएगी। राज्य की मध्यप्रदेश से कनेक्टिविटी बढे़गी।
कोटा जिले के गेंता (इटावा) निवासियों के लिये 55 किमी और बारां से वाया कोटा लाखेरी आने वाले यात्रियों के लिए 62 किमी का सफर कम हो जाएगा। बून्दी के निवासियों को मध्यप्रदेश के लिए इटावा, खातौली, श्योपुर होते हुए कम दूरी तय करनी पड़ेगी।