भीलवाड़ा। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे का भीलवाड़ा में ‘आपका जिला आपकी सरकार’ कार्यक्रम का पहला दिन पूरी तरह से विमंदित और निराश्रित बच्चों के नाम समर्पित रहा। मुख्यमंत्री ने इन बच्चों के साथ न केवल समय बिताया बल्कि उन्होंने कोरस में बैठकर उन्हें पाठ भी पढ़ाया।
वे आज इन बच्चों के साथ एक अध्यापक के रूप में भी पेश आईं। बच्चे भी मुख्यमंत्री के अपनत्व के भाव को देखकर बेहद खुश हुए। मुख्यमंत्री ने विमंदित बच्चों द्वारा बनाई जा रही मोमबत्तियों और उनके कम्प्यूटर के काम में दक्षता की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने इसके अलावा वृद्धाश्रम जाकर बुजुर्गों के हालचाल भी जानें। वे रविवार को भीलवाड़ा पहुंची उसके बाद सोना मनोविकास केन्द्र में विमंदित बच्चों, जिले के राजकीय बाल गृह में निराश्रित बालकों तथा ओम शांति सेवा संस्थान द्वारा संचालित वृद्धाश्रम में बुजुर्गों से आत्मीयता के साथ मिलीं।
इस मौके पर उन्होंने साफ कहा कि विमंदित, निराश्रित और बुजुर्ग हमारे परिवार के सदस्य हैं। इनकी देखभाल अपने बच्चों और माता-पिता जैसी होनी चाहिए। इसमें जरा भी कमी आई तो मैं बर्दाश्त नहीं करूंगी। इनकी पीड़ा हमारी पीड़ा है। मैं इनकी आंखों में आंसू नहीं देख सकती। राजे ने तीन दिवसीय ‘आपका जिला आपकी सरकार’ कार्यक्रम के पहले दिन विकास प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने विमंदित बच्चों के संस्थान में प्री-प्राइमरी तथा प्राइमरी के बच्चों की कक्षाओं में जाकर निरीक्षण किया तथा उनके सीखने के स्तर के बारे में जानकारी ली। उन्होंने स्वयं बच्चों से रंगों की पहचान पूछी। उन्होंने संस्थान के स्पीच थैरेपी और कम्प्यूटर रूम, फिजियोथैरेपी लैब तथा वोकेशनल ट्रेनिंग रूम का भी अवलोकन किया और संस्थान के संचालकों द्वारा इन बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की सराहना की।
उन्होंने वृद्धाश्रम की नई भोजनशाला का भी उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने हरनीमहादेव मंदिर में दर्शन एवं पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री ने राजकीय किशोर एवं बाल गृह का भी अवलोकन किया। उन्होंने इस केन्द्र की लाइब्रेरी एनआईसीयू तथा टॉय रूम का निरीक्षण किया एवं बच्चों के साथ बैठकर प्रोजेक्टर पर जंगल बुक की कहानी देखी। उन्होंने शिवा, बाल मुकुन्द और राहुल नाम के बच्चों से उनके स्वास्थ्य एवं परिजनों के बारे में बातचीत की।
झुमका खरीदा और कानों में पहना: प्रदर्शनी के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कल्याण स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए झुमके खरीदे और स्टॉल पर ही अपने कानों में पहने। उन्होंने झुमके बनाने वाली महिलाओं की दक्षता की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने एक स्टॉल पर से लाख की चूडिय़ां भी पसंद की। खरीदकर उन्होंने वहीं अपने हाथों में पहना। इस दौरान श्रीमती राजे ने बहुत सारी शॉपिंग की।
कैदी पीरू ने मुख्यमंत्री को भेंट किया पेंसिल चित्र
प्रदर्शनी में जिला कारागार के स्टॉल पर मुख्यमत्री ने कैदियों द्वारा अगरबत्ती बनाने तथा लकड़ी का फर्नीचर बनाने की प्रक्रिया को देखा। इस दौरान श्रीमती राजे को पीरू नाम के 28 वर्षीय कैदी द्वारा तैयार किया गया पेन्सिल चित्र भेंट किया गया। उन्होंने फड़ आर्ट के कलाकारों तैयार चित्रकारी का भी अवलोकन किया और अनुभवी कलाकारों से नई पीढ़ी को इस आर्ट की बारीकियां सिखाने का आग्रह किया। राजे ने उद्योग विभाग के स्टॉल पर स्पिनिंग और टेक्सटाइल उद्योग के डिजिटलाइजेशन पर प्रस्तुतिकरण देखा। उन्होंने महिलाओं के लिए सेनेट्री नेपकिन मशीन के संचालन की प्रक्रिया की भी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने किया सूर्य नमस्कार की मुद्राओं का लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी पार्क में सूर्य नमस्कार की 12 मुद्राओं को प्रदर्शित करने वाली प्रतिमाओं का लोकार्पण किया। उन्होंने पालडी में स्थित निराश्रित बाल गृह, सोना मंद बुद्धि विद्यालय तथा वृद्धाश्रम का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने इन गृहों में रह रहे बच्चों, विमंदितों तथा बुजुर्गों से वहां उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली।
मानसरोवर झील को मनोरम स्थल बनाएं
राजे ने मानसरोवर झील का भी अवलोकन किया। उन्होंने मानसरोवर झील के सौंदर्यकरण कार्यों के निरीक्षण के दौरान कहा कि इस झील को एक ऐसे मनोरम स्थल के रूप में विकसित किया जाए, जहां अधिक से अधिक सैलानी आ सकें। उन्होंने झील के आवक स्रोतों पर रूकावट हटाने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर जिला प्रभारी मंत्री अनिता भदेल, सांसद सुभाष बहेडिय़ा, मुख्य सचेतक कालू लाल गुर्जर, क्षेत्रीय विधायक, जनप्रतिनिधि, संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय मीणा, पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती मालिनी अग्रवाल, जिला कलेक्टर डॉ. टीना कुमार, पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।