सबगुरु न्यूज-सिरोही। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 28 से 30 जून तक सिरोही जिले में आपका जिला आपकी सरकार अभियान के तहत आएंगी। इसे लेकर प्रशासन और भाजपा तैयारी में कोई कोर कसर तो नहीं छोड रही हैं, फिर भी उन्हें डर सता रहा है।
प्रशासनिक अधिकारी जहां 29 जुलाई को लेकर खौफ मे हैं तो भाजपा पदाधिकारी पूरे तीन दिनों को लेकर।
-नहीं बताया कार्यक्रम
दरअसल, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का आने का कार्यक्रम तय हो चुका है। इसमें 29 जुलाई के निरीक्षण छोडकर शेष दिनों को मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम तय कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार इस कार्यक्रम के बारे में प्रशासन ने सीएमओ से पूछा भी, लेकिन वहां से यह जवाब आया कि यह कार्यक्रम सीएमओ ही तय करेगा और वही इम्प्लीमेंट भी करेगा।
ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों को यह भय है कि न जाने किसी क्षेत्र और विभाग को सीएम ने अपने औचक निरीक्षण के लिए चुना है और वहां पर निरीक्षण के दौरान स्तरीय व्यवस्थाएं मिलेंगी या नही। वैसे इस टाइम स्लाॅट में सीएमओ की तरफ से बरती गई ईमानदारी तो उनके दौरे के दौरान निलंबित या एपीओ होने वाले अधिकारियों की सूचना से मिल जाएगी। वैसे प्रशासनिक अधिकारी ने इस समय को भगवान भरोसे छोड दिया है।
-काले झंडे का भी भय
भाजपा में जिला अध्यक्ष, सांसद, विधायक व संगठन के कई पदािधकारियों को लेकर जबरदस्त आक्रोश है। कांग्रेस से ज्यादा भाजपा और प्रशासन भाजपा से खौफ खाया हुआ है। प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो भाजपाइयों के द्वारा सीएम के सामने भाजपा पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों समेत प्रशासनिक कार्यप्रणाली का सबसे ज्यादा विरोध शिवगंज, सिरोही ग्रामीण और आबूरोड क्षेत्र में देखा जा सकता है, इसलिए कोशिश यह की गई है कि इन क्षेत्रों में मुख्यमंत्री के प्रवास को टाला जाए।
स्थिति यह है कि कई बागी भाजपाइयों की टोह लेने के लिए तो बाकायदा नेताओं के करीबियों को ड्यूटी भी दे दी गई है। इनका काम दिन में एक बार फोन करे यह पूछना है कि वह व्यक्ति कहां है और सीएम विजिट के दौरान कुछ करने वाला तो नहीं है।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार शिवगंज क्षेत्र में प्रशासन और भाजपा इसलिए भी सचेत है कि इस क्षेत्र में कांग्रेस के पूर्व विधायक संयम लोढा का भी कार्यक्षेत्र और प्रभाव क्षेत्र है और भाजपा के असंतुष्टों को पर्दे के पीछे से लोढा समर्थकों के समर्थन की भी आशंका है। गत कार्यकाल में शिवगंज के गौतम जी क्षेत्र में ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काफिले की गाडी को कुछ लोगों द्वारा जला दिया गया था।
वैसे 29 जुलाई के आकस्मिक निरीक्षण में यदि इस क्षेत्रों को शामिल कर लिया गया तो संभवतः प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ भाजपा के जनप्रतिनिधियों व पार्टी पदाधिकारियों की भी क्लास लग जाए। ईमानदारी से किया गया आकस्मिक निरीक्षण सरकार, प्रशासन और भाजपा की जनता के बीच में गिरी हुई छवि को सामने ले ही आएगा।
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