सबगुरु न्युज-तनोट/जैसलमेर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने गुरुवार को जैसलमेर जिले के तनोट में शक्तिपीठ मां तनोटराय के मन्दिर में विशेष पूजा अर्चना की। शारदीय नवरात्रि पंचमी के अवसर पर हुई इस विशेष पूजा का उद्देश्य सीमा पर सेना और सीमा सुरक्षा बल के जवानों का मनोबल बढाने के साथ साथ सीमा पर बसे लोगों की सुरक्षा व देश-प्रदेश की खुशहाली, शहीदों की आत्मा की शांति और आतंकवाद का खात्मा। इस पूजा में 21 विद्वान पंडितों ने भाग लिया और वैदिक मंत्रों के उच्चारण, अनुष्ठान और जाप किये।
युद्ध एवं आपात स्थिति में शक्ति और भक्ति का विशेष संबल देने वाली श्री तनोट राय माता मंदिर में आयोजित विशेष यज्ञ में भी मुख्यमंत्री राजे ने भाग लिया। मुख्य यजमान के रूप में मुख्यमंत्री ने सभी पंडितों का पूजन संस्कार भी किया। विद्वान पंडितों ने वैदिक रीति रिवाजों के साथ दुर्गासप्तशती के सभी पाठों की सर्वबाधा प्रशमन सम्पुट के साथ हवन करवाया। उल्लेखनीय है कि राज्य में देश की सबसे लम्बी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा है जो 1 हजार 70 किमी लम्बी है।
इस अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर और बीकानेर जिले सैन्य सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। सीमावर्ती क्षेत्र में मरूधरा के जांबाज सैनिक और सीमा सुरक्षा बल के जवान मुस्तैदी से जुटे हुए हैं और वे किसी भी स्थिति से दृढ़तापूर्वक निपटने के लिए तैयार खड़े हैं।
इससे पहले जैसलमेर पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने हवाई अड्डे पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों से वार्ता की। उन्होंने पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती जिलों और गांवों में वर्तमान में बने हालात की जानकारी ली। इस दौरान गृह मंत्री गुलाब चन्द कटारिया, प्रमुख शासन सचिव गृह दीपक उप्रेती और पुलिस महानिदेशक श्री मनोज भट्ट भी उपस्थित थे।