नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर स्याही फेंकने वाली महिला द्वारा बताए गए कथित सीएनजी घोटाले पर दिल्ली सरकार ने सफाई दी है।
सरकार का कहना है कि उसका इस घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। इस मामले में वह केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर सिलेंडर टेस्टिंग सेन्टर की जांच एवं दोषी अधिकारियों के खिलाफ कडी कार्रवाई की मांग करेगी।
इस मुददे पर सोमवार को दिल्ली परिवहन मंत्री गोपाल राय ने कहा कि मुख्यमंत्री पर स्याही फेंकने वाली महिला ने जिस सीएनजी घोटाले का जिक्र किया है उससे दिल्ली सरकार का कोई लेना-देना नहीं है।
छत्रसाल स्टेडियम में महिला द्वरारा उछाले गए कागज की प्रति दिखाते हुए परिवहन मंत्री ने कहा कि दरअसल भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के अन्तर्गत आने वाला पीइएसओ नामक संस्थान ने दिल्ली सहित देश भर में 96 सीएनजी टेस्टिंग सेन्टर खोलें है।
पीइएसओ सर्टिफिकेट तथा कम्पलेंस प्लेट देता है। इसी को देखकर आइजीएल से सीएनजी गैस मिलती है। सम-विषम योजना के दौरान वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट एवं कम्पलेंस प्लेट देखकर सम-विषम में छूट वाले स्टीकर दिए गए थे।
इस दौरान दिल्ली स्थित कम्पीटेंट सिलेंडर टेस्टिंग तथा स्टार सिलेंडर टेस्टिंग नाम दो सेन्टरों में से किसी एक ने राहुल जैन नामक व्यक्ति की बाइक के नंबर पर सिलेंडर टेस्टिंग का प्रमाण-पत्र दे दिया जबकि बाइक में सिलेंडर नहीं होता।
इस प्रमाण-पत्र से संभवत:किसी गाडी को सीएनजी का स्टीकर जारी कर दिया गया होगा। राय ने कहा कि इस महिला ने बिना तकनीकी जानकारी के यह पेपर उछाल दिया है।
राय ने कहा कि वे मंगलवार को केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर इन सेन्टरों की जांच करने के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा कि वे दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कडी कार्रवाई करने की मांग करेंगे।