नई दिल्ली। सीबीआई ने अपने पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ कोयला ब्लॉक घोटाला मामले की जांच को प्रभावित करने के आरोप में मंगलवार को मामला दर्ज किया है। ऐसा दूसरी बार हो रहा है, जब सीबीआई ने अपने ही पूर्व निदेशक के खिलाफ आपराधिक मामले में जांच बिठाई है।
इससे पहले इसी साल फरवरी में सीबीआई ने अपने पूर्व निदेशक ए. पी. सिंह के खिलाफ मांस निर्यातक मोइन कुरैशी पर धन शोधन के मामले में कृपादृष्टि दिखाने के आरोप में मामला दर्ज किया था।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 1974 बैच के आईपीएस अधिकारी सिन्हा के खिलाफ जांच शुरू करने का आदेश देने के करीब तीन महीने बाद मंगलवार को सीबीआई ने यह कदम उठाया।
न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने जनवरी में अपने आदेश में कहा था कि ‘प्रथम दृष्ट्या अदालत इस बात से संतुष्ट है और उसे यकीन है’ कि सिन्हा ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में सीबीआई के अपने शीर्ष पद का दुरुपयोग किया।
शीर्ष अदालत ने सिन्हा की भूमिका की जांच के लिए सीबीआई के विशेष निदेशक एम. एल. शर्मा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की शिकायत पर यह समिति गठित की गई थी।
प्रशांत भूषण ने सिन्हा पर आरोप लगाए थे कि 2012 से 2014 के बीच सीबीआई का निदेशक रहते हुए सिन्हा ने अपने सरकारी आवास पर कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में आरोपी कई व्यक्तियों से मुलाकात की थी, जिनमें कई वरिष्ठ राजनीतिक और कारोबारी शामिल थे।
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