नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी की एक विशेष अदालत ने सोमवार को कोयला मंत्रालय के पूर्व सचिव एच.सी.गुप्ता तथा अन्य पूर्व अधिकारियों को कोयला घोटाला मामले में दो साल जेल की सजा सुनाई।
उन्हें मध्य प्रदेश के कोयला ब्लॉक को कमल स्पॉन्ज स्टील एंड पॉवर लिमिटेड (केएसएसपीएल) कंपनी को आवंटित किए जाने के मामले में सजा सुनाई गई है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत परासर ने मध्य प्रदेश के थेसोगोरा बी/रूद्रपुरी कोयला ब्लॉक को गैर कानूनी तरीके से कमल स्पॉन्ज स्टील एंड पॉवर लिमिटेड को आवंटित करने के मामले में कोयला मंत्रालय के पूर्व सचिव गुप्ता तथा मंत्रालय के दो अन्य पूर्व अधिकारियों के.एस.क्रोफा तथा के.सी.सामरिया को दो साल कैद की सजा सुनाई।
अदालत ने पूर्व अधिकारियों पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। केएसएसपीएल के प्रबंध निदेशक पवन कुमार अहलूवालिया को तीन साल जेल तथा 30 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। अदालत ने कमल स्पॉन्ज कंपनी पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
अदालत ने शुक्रवार को आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत आपराधिक साजिश व धोखाधड़ी के आरोपों में दोषी ठहराया था।
सीबीआई ने कंपनी तथा अन्य पर कोयला ब्लॉक पाने के लिए कंपनी की संपत्ति को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने सहित तथ्यों को गलत ढंग से पेश करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी।