सबगुरु न्यूज़ बांसवाड़ा/उदयपुर। सामाजिक व धार्मिक आयोजनों में हथियारों के प्रदर्शन की होड़ से अशांत होने की कगार पर पहुंच गए बांसवाड़ा शहर में सांप्रदायिक सौहाद्र् के लिए 18 मई को लिया गया एक निर्णय संजीवनी बन गया और बरसों से इन पर्व-त्यौहारों व सामाजिक आयोजनों में होने वाले हथियारों के प्रदर्शन पर स्व-स्फूर्त रोक लग गई है।
शहर में मई माह में ही उत्पन्न हुए तनाव के बाद प्रदेश के ग्रामीण विकास, पंचायती राज, निर्वाचन विभाग और संसदीय मामलात विभाग के राज्यमंत्री धनसिंह रावत, संसदीय सचिव भीमाभाई डामोर व बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मानशंकर निनामा की मौजूदगी में 18 मई, 2017 को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित शांति समिति की बैठक में जिला कलक्टर भगवतीप्रसाद ने सांप्रदायिक सौहाद्र्र की सनातनी परपंरा को बनाए रखने के लिए सुझाव रखा था कि शहर मेंं निकाले जाने वाले सभी प्रकार के जुलूसों में हथियारों के प्रदर्शन नहीं किया जावे।
कलक्टर की पहल पर बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था कि अब शहर में किसी भी समुदाय के जुलूस में हथियारों का प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा। राज्यमंत्री रावत व जिला कलक्टर प्रसाद सहित मौजूद समस्त लोगों ने शांति समिति सदस्यों की इस पहल का स्वागत किया था। इस दौरान कलक्टर ने कहा कि था कि शहर में धारा 144 के प्रावधान लागू रहेंगे और कोई भी जुलूस बिना अनुमति नहीं निकल सकेगा।
सदियों से चली आ रही सांप्रदायिक सौहाद्र्र की परंपरा को अक्षुण्ण रख शहर में अमन-चैन कायम करने के लिए प्रशासन की पहल को लोगों ने खुले दिल से स्वीकार किया है और यहीं वजह है कि पिछले साढ़े तीन माहों में विभिन्न प्रकार के धार्मिक व सामाजिक आयोजनों में किसी भी प्रकार से हथियारों का प्रदर्शन नहीं किया गया है।
इन आयोजनों में नहीं प्रदर्शित हुए हथियार
जिला कलक्टर भगवतीप्रसाद ने बताया कि शहर में वृहद पैमाने पर मनाई जाने वाली प्रताप जयंती व इस पर निकाली जाने वाली शोभायात्रा, हिन्दरक्षक दल द्वारा श्रावण मास पर निकाली जाने वाली भोलेनाथ की सवारी, कुशलबाग मैदान में जन्माष्टमी पर आयोजित होने वाले जिला स्तरीय दधि महोत्सव, जलझूलनी एकादशी पर निकाली जाने वाली रामरेवाडिय़ों और अनंत चतुर्दशी पर गणेश प्रतिमा विसर्जन के तहत आयोजित होने वाली शोभायात्राओं में किसी भी प्रकार से हथियारों का प्रदर्शन नहीं किया गया।
इन्होंने कहा …
जिला शांति समिति की बैठक में लिए गए सामूहिक निर्णय उपरांत गत साढ़े तीन महीनों में सामाजिक व धार्मिक आयोजनों में हथियारों का प्रदर्शन नहीं करते हुए विभिन्न उत्सवों के आयोजकों व शहरवासियों ने अपनी समझदारी का परिचय दिया है और शहर के गौरव को बनाए रखने के लिए सांप्रदायिक सौहाद्र्र को बनाएं रखने की अपनी प्रतिबद्धता को भी उजागर किया है।