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बीएस-3 वाहनों पर प्रतिबंध से वाणिज्यिक वाहन, दोपहिया कंपनियों को भारी नुकसान - Sabguru News
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बीएस-3 वाहनों पर प्रतिबंध से वाणिज्यिक वाहन, दोपहिया कंपनियों को भारी नुकसान

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बीएस-3 वाहनों पर प्रतिबंध से वाणिज्यिक वाहन, दोपहिया कंपनियों को भारी नुकसान
Commercial vehicles, two-wheeler companies heavy losses over ban on BS-3 vehicles
Commercial vehicles, two-wheeler companies heavy losses over ban on BS-3 vehicles
Commercial vehicles, two-wheeler companies heavy losses over ban on BS-3 vehicles

मुंबई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक अप्रेल से भारत चरण-तीन वाहनों पर प्रतिबंध के आदेश के बाद वाणिज्यिक वाहन कंपनियों तथा दोपहिया विनिर्माताओं द्वारा अपना स्टॉक निकालने के लिए भारी रियायतों की पेशकश की गई है।

इससे जहां वाणिज्यिक वाहन कंपनियों को 2,500 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है वहीं दोपहिया उद्योग को भी करीब 600 करोड़ रुपए का घाटा होने का अनुमान है। शोध कंपनी क्रिसिल की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।

क्रिसिल के अनुसार जिन कंपनियों ने 31 मार्च तक बीएस-तीन वाणिज्यिक वाहनों का स्टॉक निकाला है उन्हें रियायतों और प्रोत्साहनों पर 1,200 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं ऐसा स्टॉक जो बिक नहीं पाया है उस पर कंपनियों को 1,300 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है।

ट्रक कंपनियों अशोक लेलैंड तथा टाटा मोटर्स के कर पूर्व मार्जिन पर एकल आधार पर उनके राजस्व का 2.5 प्रतिशत असर पडऩे का अनुमान है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि इस नुकसान का प्रभाव 2016-17 और 2017-18 दोनों वित्त वर्ष में पड़ेगा। इसकी वजह है कि बिना बिके स्टॉक को डीलरों से वापस मंगाना होगा और उसके बाद उन पर काम करना होगा।

हाल में संपन्न वित्त वर्ष में बीएस-तीन वाहनों पर छूट से कंपनियों के कर पूर्व मुनाफे पर एक प्रतिशत का असर पड़ा है। इस मामले पर फैसले के दिन वाणिज्यिक वाहन उद्योग के पास बीएस-तीन वाहनों की 97,000 इकाइयां थीं जो मूल्य के हिसाब से 11,600 करोड़ रुपए बैठती हैं।

रिपोर्ट मेंं कहा गया है कि दोपहिया उद्योग को इस फैसले से करीब 600 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। दोपहिया उद्योग पर इस फैसले का असर कम हुआ है क्योंकि कई कंपनियां मसलन बजाज ऑटो, यामाहा और आयशर ने जनवरी, 2017 से ही बीएस-चार उत्सर्जन मानकों के अनुरूप उत्पादन शुरू कर दिया था। वहीं हीरो मोटोकार्प, होंडा तथा टीवीएस मोटर्स ने प्रतिबंध से पहले ही अपने मॉडलों का उन्नयन कर दिया था।

जिस समय यह फैसला आया उस वक्त दोपहिया उद्योग के पास बीएस-तीन वाहनों की 6,70,000 इकाइयां थीं जो मूल्य के हिसाब से 3,800 करोड़ रुपए बैठता है। लेकिन 10 से 30 प्रतिशत तक छूट और मुफ्त पेशकशों के जरिये मार्च के आखरी के तीन दिनों में डीलर अपना ज्यादातर स्टॉक निकालने में सफल रहे।