
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सिरोही। नगर परिषद में मनमानी भाजपा शासन में भी उसी तरह बरकरार है, जिस तरह कांग्रेस पिछले बोर्ड में थी। ताजा मनमानी का ठीकरा नगर परिषद सीधे तौर पर जिला कलक्टर वी. सरवनकुमार पर फोडने से भी बाज नहीं आई। जिस मनमानी और अनियमितता को रोकने के लिए लोगों ने भाजपा को काबिज किया, वही भाजपा का बोर्ड कांग्रेस के पुराने निर्णयों को इस कदर लागू किए जा रहा है, जैसे इनका मैच पूर्ववर्ती कांग्रेस बोर्ड से फिक्स हो चुका है। इन सबसे वर्तमान सभापति, पार्षद तथा इन सबसे बढ़कर प्रभारी मंत्री और विधायक ओटाराम देवासी की भूमिका सबसे ज्यादा संदेहास्पद हो गई है।
अम्बेडकर सर्किल से राजमाता धर्मशाला के बीच एकदम सही हालत में खड़े मूत्रालय को मंगलवार को नगर परिषद के सफाई निरीक्षक ने आयुक्त के आदेश पर तुड़वा दिया।
इस मूत्रालय को तोडऩे के पीछे नगर परिषद सभापति की दलील यह है कि इसके लिए आयुक्त के पास जिला कलक्टर कार्यालय से पत्र आया हुआ था, उसी के आधार पर यह तुड़वाया गया है। इस मामले में सभी पक्षों से बात करने पर जनता के धन पर दुकानदार को फायदा पहुंचाने की मनमानी नजर आ रही है।
नगर परिषद ने शाहजी की बाड़ी के मोड़ पर बने पुराने मूत्रालय को मंगलवार को जेसीबी से ढहा दिया।
इससे पहले इसी मार्ग पर करीब तीस-चालीस मीटर की दूरी पर पीडब्ल्यूडी कार्यालय के गेट के पहले करीब ढाई लाख रुपए की लागत से एक मूत्रालय का निर्माण करवाया गया। इस मूत्रालय को तुड़वाने सबसे ज्यादा फायदा नगर यहां पर स्थित दुकानदारों को हुआ। इससे इन दुकानों की आड़ खुल गई और यह मुख्य मार्ग पर आने से इसकी कीमतें और किराया दोनों ही बढऩे की संभावना है।
सब झाड़ रहे हैं पल्ला
इस मूत्रालय को तुड़वाने के मामले में सबगुरु न्यूज ने जब सभी पक्षों से बात की तो सभी अपना पल्ला झाडते नजर आए।
जानिए किसने क्या कहा…
मैने शाहजी की बाड़ी स्थित किसी टॉयलेट को तुड़वाने को कोई निर्देश नहीं दिए। कोई पत्र जारी नहीं किया। इस बारे में एडीएम से भी बात कर लीजिए।
वी. सरवनकुमार
जिला कलक्टर, सिरोही।
नगर परिषद स्वायत्त शासी संस्थान है हम उसे कैसे निर्देश दे सकते हैं। देना होता तो सीसीटीवी कैमरे के मामले में नहीं दे देते क्या। हो सकता है किसी का परिवाद कार्यालय में आया हो, लेकिन ऐसे परिवादों को हम संबंधित विभाग को सिर्फ यह नोट डालकर फॉरवर्ड करते हैं कि इसके लिए नियमानुसार कार्यवाही करावें। कोई दबाव देने या विशेष पत्र दिए जाने की जानकारी नहीं है। यदि सही स्थिति का टॉयलेट तोड़ा है तो सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, इसके लिए संबंधित अधिकारी से ही वसूली की जानी चाहिए।
प्रहलादसहाय नागा
अतिरिक्त जिला कलक्टर, सिरोही।
यह टॉयलेट तोडऩे का प्रस्ताव पिछले बोर्ड में लिया हुआ है। इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है। आयुक्त के पास शायद इस संबंध में जिला कलक्टर का पत्र आया है, उसी के आधार पर इस टॉयलेट को तोड़ा गया है।
ताराराम माली
सभापति, सिरोही।
हां, इस टॉयलेट की जगह इसी मार्ग पर टॉयलेट बनाने और इस टॉयलेट को तोडऩे का प्रस्ताव बोर्ड में आया था। यह प्रस्ताव मैने या किसी पार्षद ने नहीं रखा था। इसे आयुक्त लालसिंह राणावत ने ही रखा था।
जयश्री राठौड़
पूर्व सभापति, नगर परिषद, सिरोही।
इस टॉयलेट को तोडऩे और नया टॉयलेट बनाने के लिए वर्तमान जिला कलक्टर का ही विशेष निर्देश था। उनके निर्देश पर ही इसका बोर्ड में प्रस्ताव रखकर नया टॉयलेट बनाया और इसे तोड़ा गया। यह टॉयलेट घर के सामने आ रहा था इसलिए इस व्यक्ति ने जिला कलक्टर इसे हटाने के लिए परिवाद दिया था। नया टॉयलेट बन गया है, इसलिए जिला कलक्टर के निर्देश पर इस टॉयलेट को तुड़वाया गया है।
लालङ्क्षसह राणावत
कार्यवाहक आयुक्त, नगर परिषद, सिरोही।
यह टॉयलेट पिछले बोर्ड में बनाने का प्रस्ताव लिया है। इसका एस्टीमेट भी उसी में बना है। मेरी इसमें कोई भूमिका नहीं है।
दिलीप माथुर
एक्सईएन, नगर परिषद, सिरोही।
इस टॉयलेट को तोडऩे और नया टॉयलेट बनाने की चर्चा मेरे कार्यकाल में आयुक्त लालसिंह राणवात के समय चल रही थी। इसका ऐस्टीमेट बनाने का कोई काम मैने नहीं किया। हो सकता है मेरे बाद में इसका एस्टीमेट और डिजायन बनाया हो।
पी.एल. गोस्वामी
जेईएन, नगर परिषद, सिरोही।