सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही नगर परिषद के द्वारा टांकरिया पर झोब नाले से सटी हुई भूमि की नीलामी का मामला विवादों में उलझता जा रहा है। भाजपा पार्षद विरेन्द्र एम चैहान के बाद मंगलवार को कांग्रेस पार्षदों ने भी इस भूमि की निलामी को नियम विरुद्ध बताते हुए कलक्टर से इस नीलामी को रोकने की मांग की है।
वहीं नगर परिषद आयुक्त का दावा है कि इन प्लाॅटों को निलाम करने के लिए नगर परिषद बोर्ड के द्वारा प्रस्ताव लिया हुआ है जबकि नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के कई पार्षद भी इस बात से इनकार कर रहे हैं कि उन्होंने नगर परिषद सिरोही की जमीनों को बेचने का कोई प्रस्ताव लिया हुआ है।
समस्त अधिकार बोर्ड में निहित, सभापति व आयुक्त का एकाधिकार नहीं
राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 के तहत नगर निकाय के समस्त अधिकार बोर्ड में निहित हैं। सभापति व आयुक्त राज्य सरकार द्वारा दी गई सीमा के अतिरिक्त कोई कार्य बोर्ड में प्रस्ताव लिए बिना नहीं कर सकते हैं। सिरोही नगर परिषद की भूमि की निलामी के संबंध में यह नियम लागू होता है। इस मामले में की गई नोटिंग में सभापति और आयुक्त के ही हस्ताक्षर हैं। नोटिंग में बोर्ड में लिए गए प्रस्ताव का कोई उल्लेख नहीं है। इसी कारण इस भूमि की निलामी प्रक्रिया को पार्षद भी संदिग्ध बता रहे हैं।
जेईएन की भूमिका गौण की
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जो जमीन निलाम की जा रही है वह सिरोही के एक बरसाती नाले के बिल्कुल सटी हुई है। इस नाले में बरसात में इतना अधिक पानी आता है कि यह भूमि पूरी तरह से डूब जाती है। ऐसे में इन भूखण्डों का नक्शा गैर तकनीकी जानकारी वाले बाबू से बनवाकर आयुक्त और सभापति ने इसे पास कर दिया है। इतना ही नहीं इसकी निलामी का इश्तिहार देने के बाद इस नीलामी की अनुमोदना जिला कलक्टर से मांगी गई।
यानी जिला कलक्टर की अनुमोदना के पहले ही इस जमीन को नीलाम किए जाने का इश्तिहार दे दिया। ऐसे में बोर्ड के साथ-साथ जिला कलक्टर की अनुमति नहीं मिलने का आरोप भी नीलामी रोकने वाले पार्षद लगा रहे हैं। इतना ही नहीं इस भूमि के नाले के इतने करीब होने के कारण इस पर भूखण्ड काटना और इस पर मकान बनाना कितना सुरक्षित है इसकी तकनीकी रिपोर्ट भी जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों से नहीं ली गई।
न्यायालय में भी दायर किया है वाद
इस भूमि के बरसाती नाले के सटी हुई होने का हवाला देते हुए पार्षद विरेन्द्र एम चैहान ने इसकी नीलामी रोकने के लिए सिविल न्यायालय में भी वाद दायर किया है। इसमें विरेन्द्र एम चैहान ने जमीन को निलाम करने से सुप्रीम कोर्ट के बरसाती पानी के प्राकृतिक प्रवाह के मार्ग में निर्माण और आवंटन के नियमों का उल्लंघन होने का हवाला भी दिया है।
जिला कलक्टर ने निलामी रोकने का कोई आदेश नहीं दिया है। यदि सिविल न्यायालय निलामी रोकने के आदेश देता है तो निलामी रुकेगी अन्यथा निलामी करवाई जाएगी। इनभ् भूमियों को निलाम करने के लिए बोर्ड में प्रस्ताव लिया गया है।
प्रहलादसहाय वर्मा
आयुक्त, नगर परिषद, सिरोही।
हमने भूमियों को बेचने के लिए बोर्ड में कोई प्रस्ताव नहीं लिया है।
ईश्वरसिंह डाबी
नेता प्रतिपक्ष, नगर परिषद, सिरोही।
मुझे जहां तक जानकारी है हमने जमीनों को बेचने का कोई प्रस्ताव नहीं लिया है। कोई काॅमन प्रस्ताव की बात आयुक्त कर रहे हैं तो भी किसी भी जमीन को नीलाम करने के लिए बोर्ड को जानकारी देनी चाहिए। और नदी-नालों के किनारे की जमीन नीलाम करवाने का प्रस्ताव लेकर हम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने का अपराध क्यों करेंगे।
एडवोकेट विरेन्द्र एम चैहान
भाजपा पार्षद, सिरोही।