नई दिल्ली। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण,शहरी विकास, आवास, शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने कहा है कि सार्वजनिक संचार का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र निर्माण कार्य में लोगों को जागरूक और उत्साहपूर्ण सहभागी बनाना है।
उन्होंने कहा प्रभावी सार्वजनिक संचार, परिवर्तन के प्रबंधन का आधार है और इसीलिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और इसकी मीडिया इकाइयों के सभी अधिकारी इस प्रक्रिया में परिवर्तन के वाहक के रूप में महत्वपूर्ण हितधारक हैं।
वैंकेया ने कहा कि अधिकारियों से अपेक्षाओं के संदर्भ में सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं जिसमें परिणाम, पारदर्शिता, जवाबदेही, अनुशासन और काम के लिए महौल तैयार करने पर ध्यान केन्द्रित करना शामिल हैं।
नायडु ने शुक्रवार को यहां राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और उसकी मीडिया इकाइयों को संबोधित करते हुए यह बात कही। नायडु ने कहा कि प्रभावी सार्वजनिक संचार के लिए पत्र सूचना कार्यालय, प्रकाशन विभाग, क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय, डीएवीपी, फिल्म प्रभाग, आकाशवाणी और दूरदर्शन सहित मंत्रालय की विभिन्न मीडिया इकाइयों, के बीच प्रभावी कार्यात्मक संयोजन में सुधार की काफी गुंजाइश है। इससे लोगों तक सरकारी योजनाओं की व्यापक और समेकित पहुंच सुनिश्चत होगी।
संचार के बदलते परिपेक्ष्य के संबंध में नायडु ने कहा कि तकनीकी विकास एक दूसरे से संवाद के हमारे तौर-तरीकों में क्रान्किारी परिवर्तन लाया है और प्रभावी सार्वजनिक संचार तथा सहभागी विकास के लिए ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों का पूर्ण उपयोग करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भारत को विकसित बनाने के मिशन को प्राप्त करने और भारत की विविध और सम़द्ध सांस्क़तिक विरासत के गुणगान में संचार की भूमिका के महत्व समझना बेहद आवश्यक है।