मुंबई। शेयर बाजारों में अगले सप्ताह उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहने की उम्मीद है और बाजार की चाल कंपनियों के तिमाही नतीजों के आंकड़े, घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े, वैश्विक बाजारों का रुझान, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) का रुख, डॉलर के मुकाबले रुपए की चाल और कच्चे तेल की कीमतें मिलकर तय करेंगे।
आगे बाजार की चाल पर कंपनियों की वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही के नतीजों का असर होगा। इंडसइंड बैंक और यस बैंक मार्च में खत्म हुई तिमाही के नतीजे बुधवार को जारी करेंगे। हिन्दुस्तान जिंक और माइंडट्री चौथी तिमाही के नतीजे गुरुवार को जारी करेंगे। एचडीएफसी बैंक अपने नतीजे शुक्रवार को जारी करेगी।
इस सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों पर भी नजर रहेगी, क्योंकि वे महीने के बीच में तेल की कीमतों की समीक्षा करेंगी। तेल कंपनियां महीने के बीच में और अंत में हर पखवाड़े कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों के आधार पर तेल कीमतों की समीक्षा करती हैं।
साथ ही जेट ईंधन की कीमतों की मासिक समीक्षा भी इस हफ्ते होगी, जिसके कारण विमानन कंपनियों के शेयरों पर नजर बनी रहेगी। जेट ईंधन की कीमतें सीधे तौर पर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों से जुड़ी हैं। विमानों के परिचालन लागत में अकेले ईंधन का खर्च 50 फीसदी से अधिक होता है।
घरेलू मोर्चे पर सरकार मासिक मुद्रास्फीति पर आधारित थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़े शुक्रवार को जारी करेगी। मासिक थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर 6.55 फीसदी (अनंतिम) हो गई, जो कि फरवरी 2016 में 5.25 फीसदी (अनंतिम) और फरवरी 2016 में (-)0.85 फीसदी थी।
वैश्विक मोर्चे पर चीन की औद्योगिक उत्पादन के फरवरी के आंकड़े सोमवार को जारी किए जाएंगे। अमेरिका की औद्योगिक उत्पादन का मार्च का आंकड़ा मंगलवार को जारी होगा। यूरोजोन के अप्रैल के प्रीलिमिनरी मार्किट पीएमआई कंपोजिट सूचकांक के आंकड़े शुक्रवार को आएंगे।