जयपुर। राजस्थान क्रि केट संघ ने शनिवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए विवादित अध्यक्ष ललित मोदी को पद से हटा दिया और उपाध्यक्ष अमीन पठान को नया अध्यक्ष बना दिया।…
मोदी को हटाकर अध्यक्ष बने पठान ने बताया कि राजस्थान क्रिकेट के हित के मद्देनजर आरसीए के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने आरसीए की विशेष बैठक में शनिवार को यह निर्णय लिया गया।
हालांकि मोदी के वकील और आरसीए उपाध्यक्ष महमूद अब्दी ने अमीन पठान की अगुवाई वाले बागी धड़े के इस दावे को खारिज किया कि आईपीएल के पूर्व प्रमुख को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है।
अब्दी ने कहा कि एन श्रीनिवासन और उनके साथी आरसीए को अस्थिर करने के लिए घटिया चालें चल रहे हैं, पर वे कामयाब नहीं होंगे। हम विश्वासघाती अमीन पठान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। आरसीए के उप नियमों में इस तरह की बैठक का कोई प्रावधान नहीं है।
पठान ने बताया कि बैठक में प्रदेश में 33 जिला क्रिकेट एसोसिएशन में 23 जिला क्रिकेट संघों के समर्थन से मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें पद से हटाया गया हैं।
उन्होंने बताया कि मोदी के अलावा सचिव सोमेन्द्र त्रिपाठी एवं कोषाध्यक्ष पवन गोयल तथा एक अन्य पदाधिकारी को भी हटाया गया हैं। उन्होंने बताया कि शक्ति सिंह राठौड़ को सचिव तथा इकबाल को कोषाध्यक्ष बनाया गया हैं।
पठान ने बताया कि मोदी के अध्यक्ष बनने के बाद ऎसा लग रहा थाकि उन पर लगे बीसीसीआई के बैन हट जाएंगे और राजस्थान क्रिकेट का भविष्य सुनहरा होगा लेकिन ऎसा नहीं हुआ और राजस्थान के क्रिकेट खिलाडियों का आरसीए के जरिए आगे खेलना मुश्किल हो रहा था।
पठान ने बताया कि राजस्थान क्रिकेट के विकास एवं जयपुर के प्रसिद्ध सवाई मानसिंह स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय एवं आईपीएल मैच लगातार होते रहे इसके मद्देनजर मोदी से अपने पद से हटने का आग्रह भी किया गया लेकिन उन्होंने पद से हटने से इंकार कर दिया।
उन्होंने बताया कि आरसीए की बैठक में लिए गए इन निर्णयों से अब वह राज्य सरकार एवं बीसीसीआई को अवगत कराएंगे ताकि राजस्थान क्रि केट का विकास हो सके।
उल्लेखनीय है कि गत 19 दिसम्बर को उच्चतम न्यायालय की देखरेख में आरसीए के हुए चुनाव में मोदी विदेश में रहते हुए पिछली मई में 33 के मुकाबले 29 जिला क्रिकेट संघों के भारी समर्थन के साथ अध्यक्ष चुने गए थे।
मोदी ने अध्यक्ष बनते ही सब ठीक होने तथा राजस्थान क्रिकेट के विकास के दावे किए थे लेकिन खुद के विदेश में होने तथा बीसीसीआई के विरोध के आगे वह ऎसा कुछ नहीं कर पाए।