नई दिल्ली। विपक्ष ने सोमवार को लोकसभा में आक्रामकता दिखाते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह खास समुदाय के लोगों की पीट-पीटकर हत्या करने के लिए गोरक्षकों को प्रोत्साहन दे रही है।
केंद्र सरकार ने हमेशा की तरह पल्ला झाड़ते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी राज्यों की है। लोकसभा में नियम 193 के तहत चर्चा में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने सदस्यों से इस तरह की घटनाओं की निंदा करने का आग्रह किया और राज्यों से कड़ी कार्रवाई करने को कहा। यह चर्चा करीब छह घंटे तक चली।
रिजिजू ने कहा कि विपक्ष देशभर में खास समुदाय के लोगों की हुई हत्या के लिए गोरक्षकों को दोषी ठहराकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहा है।
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस, वाम दलों व समाजवादी पार्टी व एआईएमआईएम सदस्य सदन से बर्हिगमन कर गए। रिजिजू ने कहा कि देश में इस तरह की घटनाओं की प्रवृत्ति बढ़ रही है। चाहे राज्य में या केंद्र में, किसी की सरकार रही हो, आंकड़े हरदम एक समान रहे हैं।
विपक्ष के आरोप को झुठलाते हुए उन्होंने कई राज्यों में दलितों व मुस्लिमों के साथ बीते पांच सालों में हुई घटनाओं का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि क्या आप चाहते हैं कि प्रधानमंत्री संघीय ढांचे को तोड़ें और राज्य मशीनरी का इस्तेमाल करें।
रिजिजू ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ मोदी सरकार की छवि को निशाना बनाने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की लोकप्रियता सिर्फ देश में ही नहीं, बाहर भी बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि चूंकि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे कभी वह असहिष्णुता का मुद्दा उठाते हैं। कभी ‘नॉट इन माई नेम’ जैसा विरोध प्रदर्शन करते हैं। वे गिरजाघर पर हमले का मुद्दा उठाते हैं। अब वे भीड़ द्वारा हत्या का मुद्दा उठा रहे हैं।
तीन साल पहले भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा था, लेकिन अब वह प्रधानमंत्री के रुख की वजह से राजनीतिक परिदृश्य से गायब हो गया। इसलिए वे इस तरह के मुद्दे के साथ आ रहे हैं और सदन से बर्हिगमन करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में जब कभी भी भीड़ द्वारा हमला होता है, तो तुरंत कार्रवाई की जाती है।
चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर अप्रत्यक्ष तौर पर गोरक्षकों को प्रोत्साहन देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जा रही हत्या की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। देश में भय का माहौल बन गया है। अल्पसंख्यक दहशत में हैं और सरकार ‘सबका साथ सबका विकास’ का जुमला फेंककर इस पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार सदन को बताए कि अब तक कितने गोरक्षकों को सजा दी गई.. कितनों को गिरफ्तार किया गया। आप इन्हें अपना नहीं मानते, लेकिन इनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई यह भी नहीं बताते हैं।
खड़गे ने कहा कि सच तो यह है कि कोई कार्रवाई नहीं की गई और इसके बजाय उन्हें प्रोत्साहित किया गया। यह सरकार दलितों, अल्पसंख्यकों व महिलाओं के खिलाफ है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह हिंदुस्तान को ‘लिंचिस्तान’ में तब्दील न होने दे।
तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा कि पीट-पीटकर हत्या की 97 फीसदी घटनाएं मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद हुई हैं।
उन्होंने कहा कि मैं इसमें हिंदू-मुस्लिम का सवाल नहीं लाना चाहता, लेकिन 97 फीसदी हत्याएं नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद हुई हैं..इसमें 86 फीसदी पीड़ित मुस्लिम हैं। मैं सत्तापक्ष के सदस्यों से पूछना चाहता हूं कि आप कहते हैं कि आप कांग्रेस मुक्त भारत चाहते हैं। सच तो यह है कि आप मुस्लिम मुक्त भारत चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं थम नहीं रही हैं, क्योंकि भाजपा नेतृत्व इनकी निंदा करने से बच रहा है। रॉय ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बहादुरगढ़ की घटना की निदा करने में तीन दिन लिए। राजस्थान की मुख्यमंत्री ने अलवर की हत्या की निंदा करने में एक माह का समय लिया।
बीजू जनता दल (बीजद) के नेता तथागत सत्पथी ने कहा कि पीट-पीटकर हत्या से ग्रामीण अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है। उन्होंने कहा कि किसान अपने बेकार जानवर बेचने में असमर्थ हैं। अर्थव्यवस्था का चक्र रुक गया है। पूरी तरह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है।
उन्होंने कहा कि आपने वास्तविक तौर पर पीट-पीटकर हत्या की प्रक्रिया से ग्रामीण अर्थव्यस्था को नुकसान पहुंचा दिया है, आप ने अंतत: हिंदू किसान को भी मारने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ..आप अल्पसंख्यकों को मारना चाहते हैं, लेकिन आप अनजाने में बहुसंख्यकों को भी जीते जी मार रहे हैं।
भाजपा के सदस्य हुकुमदेव नारायण यादव ने इसे सरकार के खिलाफ साजिश बताया। यादव ने कहा कि ये कार्यक्रम सरकार को बदनाम करने के लिए चलाए जा रहे हैं। यह पता लगाना महत्वपूर्ण है कि इन हमलों के पीछे कौन हैं।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि यह राज्यों का कर्तव्य है कि वे ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाएं। लोक जनशक्ति पार्टी के नेता ने कहा कि क्या आप चाहते हैं कि केंद्र बदमाशों को नियंत्रित करने के लिए सेना भेजे? यहां तक कि यदि एक कानून पारित हो गया तो इसे भी राज्य सरकार द्वारा ही क्रियान्वित किया जाएगा।