सिरोही। कांग्रेस प्रदेश सचिव और जिला परिषद सदस्य रंजू रामावत ने पशुपालन एवं देवस्थान राज्यमंत्री, जिले के प्रभारी मंत्र और स्थानीय विधायक ओटाराम देवासी की राजनीतिक जमीन हिलाने के लिए पहला सीधा हमला किया है।
यदि यही स्थिति रही तो ओटाराम देवासी पर कांग्रेस के हमलावर तेवर को इंतजार कर रही भाजपा में एंटी ओटाराम देवासी लॉबी को भी संजीवनी बूटी मिलेगी। पूर्व में कांग्रेस का शासन होने के कारण काम नहीं करवाने का बहाना बनाने वाले ओटाराम देवासी को रामावत ने मंत्री बनने के बाद भी घोषणा के अनुसार एक काम सही ढंग से नहीं करवा पाने के लिए आइना दिखाया है। जिस तरह देवासी की मौजूदगी में जिले में भ्रष्टाचार, अकर्मण्यता और जनता की अनदेखी बढ़ी है उससे लोगों में जबरदस्त आक्रोश है और यही स्थिति रही तो भविष्य में देवासी के लिए इस तरह के हमले घातक साबित हो सकता है।
रंजू रामावत ने जिला परिषद की प्रथम साधारण बैठक में ओटाराम देवासी की गैरमौजूदगी पर सवाल उठाया था। अब मंगलवार को प्रेस नोट जारी करके देवासी पर जिले के विकास के प्रति गैर जिम्मेदार होने का आरोप लगाया है। रामावत ने आरोप लगाया कि जनसमस्याओं का समाधान देवासी की प्राथमिकता नहीं है। सिरोही में बिजली, पानी, चिकित्सा, सडक, कानून व्यवस्था की बिगड़ती दशा के लिए सीधे रूप से देवासी को जिम्मेदार बताया है। रामावत ने कहा कि जिला परिषद की बैठक में संपूर्ण जिले की समस्याओं को लेकर चर्चा होनी थी, सरकार के मंत्री होने के नाते उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है, वे वहां उपस्थित रहते और जवाब देते, किन्तु उनकी अनुपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अच्छे दिन के झूठे वादे करने वाली सरकार के ही मंत्री है।
भ्रष्टाचार के प्रति आंख मूंदी!
सिर्फ औपचारिकताएं पूरी करना ओटाराम देवासी की प्रकृति बताते हुए झूठे वादों एवं नारों के साथ चुनाव जीत कर आने और सत्ता के मद में डूब कर सिरोही की जनता की परवाह नहीं करने तथा भ्रष्टाचार के प्रति आंख बंद करने का संगीन आरोप लगाया है।
याद दिलाया नर्मदा का वादा
रामावत ने बताया कि 2008 एवं 2013 के विधानसभा चुनावों में देवासी ने वादा किया था नर्मदा नहर का पानी लायेंगे, इसे लेकर भाजपा व आरएसएस ने घर घर जाकर जनता से वादा किया था, जीत कर आए तो नर्मदा नहर का पानी आयेगा। दो बजट आ चुके है, अब तक मंत्री जी नर्मदा नहर के सर्वे के लिए पैसे मंजूर नहीं दिलवा पाए और निरुत्तर हैं।
अब मौन बनने पर उठाया सवाल
जिले में डॉक्टर, पटवारी विभिन्न विभागों में सैकड़ों पद रिक्त पड़े हैं हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। रामावत ने कहा कि देवासी पिछले कार्यकाल में विधानसभा में जिले के अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी एवं चिकित्सीय सुविधा के अभाव में जनता के गुजरात में इलाज करवाने को लेकर सरकार पर कटाक्ष करते थे कि सिरोही को गुजरात में शामिल कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने पूछा कि अब मंत्री जी मौन क्यों हैï? अब स्पष्ट क्यों नहीं करते अब तो सरकार भाजपा की है। जनता त्रस्त है, सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। बिजली का भारी बोझ लाद दिया गया है।
माफी मांगे देवासी
रामावत ने कहा कि ओटाराम देवासी सिर्फ वोटों की राजनीति करते है, नर्मदा नहर का पानी लाना भी अगर राजनीतिक जुमला था तो वे जनता के समक्ष इस झूठ को स्वीकार करें, सार्वजनिक रूप से जनता के समक्ष माफी मांगे।