नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर हमलों का दौरा और तेज हो गया है। कांग्रेस ने शनिवार को आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल तथा किरण बेदी पर हमला किया और किरण को मौका परस्त कहा।
आगामी 7 फरवरी से होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस का चेहरा माना जाने वाले अजय माकन ने कहा कि दोनों नेताओं ने भ्रष्टाचार रोधी अन्ना हजारे का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए किया। माकन ने यह भी कहा कि दोनों ने चुनावी राजनीति में कभी शामिल न होने का संकल्प लिया था।
माकन ने कहा कि उन्होंने घोषणा की थी कि वे कभी भी चुनावी राजनीति में शामिल नहीं होंगे, लेकिन उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का इस्तेमाल अपनी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए किया।
कांग्रेस महासचिव माकन ने कहा कि केजरीवाल अपने उन वादों से मुकर गए, जिसमें उन्होंने चुनाव जीतने पर आम आदमी की तरह जीवन व्यतीत करने, नीली बत्ती वाली सरकारी कार का इस्तेमाल नहीं करने, सुरक्षाकर्मी नहीं लेने या बड़ा सरकारी बंगला नहीं लेने की बात कही थी।
केजरीवाल के हलफनामे का जिक्र करते हुए माकन ने संवाददाताओं से कहा कि वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल ने न सिर्फ बत्ती लगी कार ली, बल्कि आठ कमरों वाले बड़े सरकारी आवासों की भी मांग की।
माकन ने कहा कि केजरीवाल ने कहा था कि वह स्वराज में विश्वास करते हैं और कुछ भी करने से पहले जनता की सहमति लेंगे, लेकिन उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने की अपनी महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए जब दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, तब क्या वह इस पर सहमति के लिए जनता के पास गए थे?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगले सप्ताह केजरीवाल की वादा खिलाफी को लेकर एक पुस्तिका जारी करेगी। माकन ने कहा कि पुस्तिका केजरीवाल और उनकी पार्टी को बेनकाब करेगी, उन्हें यू-टर्न लेने वाले नेता के रूप में सामने लाएगी और उनके 49 दिनों के शासन को दिल्ली के लोगों के लिए दुख की कहानी से परिचित कराएगी।
माकन ने कहा कि अपने वादों से मुकरने में पलक झपकाने भर का समय न लगाने वाले व्यक्ति पर कोई कैसे भरोसा कर सकता है। वह आदमी भ्रष्टाचार से मुकाबला कैसे कर सकता है, जिसकी राजनीति की बुनियाद ही फरेब व झूठे वादों पर आधारित हो।