सबगुरु न्यूज-सिरोही। आज शनिवार है और ये सप्ताह बीतने वाला है। ऐसे में यदि सिरोही के विधायक और गोपालन राज्यमंत्री ओटाराम देवासी की सिरोही में खिलाफत ग्रह-नक्षत्रों की साप्ताहिक गति से है तो संभवतः यह खिलाफत रविवार को थम जाएगी।
सप्ताह के जाते जाते ओटाराम देवासी की सिरोही के प्रति निष्ठा पर उनकी आरएसएस समर्थित संगठन के कार्यकर्ताओं, उनकी पाटी के पदाधिकारी, सिरोही शहर की आम जनता के बाद कांग्रेस ने भी सवाल उठा दिया है। पूर्व विधायक संयम लोढा ने सिरोही शहर को गंदला पानी वितरण करने पर कई सवाल दागते हुए मंत्री ओटाराम देवासी को फिर निशाने पर ले लिया है।
पूर्व विधायक संयम लोढा ने सामचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के आधार पर गोपालन मंत्री और सिरोही विधायक ओटाराम देवासी से पूछा है कि जब उन्हें भी पता है कि सिरोही के प्रशासनिक अधिकारी सिरोही शहर के लोगों को कालका जी तालाब का गंदा पानी पिला रहे हैं तो क्या ऐसे में मंत्री राज्य सरकार से जनता के जीवन से खिलवाड करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करवाएंगे।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को समाचार पत्रों में ओटाराम देवासी के जलदाय मंत्री से मुलाकात का समाचार प्रकाशित हुआ है, जिसमें यह लिखा गया है कि ओटाराम देवासी ने जलदाय मंत्री को सिरोही शहर मे कालका तालाब से गंदला पानी वितरित किए जाने की बात कहते हुए 98 लाख रुपये की स्वीकृति दिलवाई है।
इसी समाचार के आधार पर लोढा ने देवासी से पूछा कि जिस समय मंत्री ओटाराम देवासी ने जलदाय मंत्री को ये बताया कि जलदाय विभाग सिरोही की जनता को गंदा पानी पेयजल सप्लाई में वितरित कर रहा है उसी समय उन्होंने ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग क्यों नही की।
लोढा ने आरोप लगाया कि देवासी सिरोही की जनता के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वाहन में पूरी तरह से विफल रहे हैं। ऐसा नहीं होता तो उनकी जानकारी में ये बात आने के बाद वे स्थानीय स्तर पर ही अधिकारियों को लताड़ कर इस गंदे पानी की सप्लाई रुकवा देते।
लोढा ने आरोप लगाया कि जब जलदाय मंत्री यहां आए थे और उसके बाद से ही ये पता था कि अणगौर, कमेरी बांध से सिरोही शहर को जल वितरित किये जाने वाला सिस्टम बाढ़ में तबाह हो गया है तो उन्होंने अधिकारियों से सिरोही की पेयजल व्यवस्था के प्रबंध के बारे में जानकारी नही ली थी क्या। क्या उन्हें ये नही पता था कि एक अतिवृष्टि के एक पखवाड़ बाद जब सिरोही शहर की पेयजल व्यवस्था कुछ हद तक सुचारू हुई थी तब भी शहर के लिए 6 लाख लीटर पानी कम पड़ रहा था। अगर जानकारी थी तो क्या उन्होंने अधिकारियों से पूछा था कि ये इस कमी की पूर्ति कहाँ से करेंगे।
लोढा ने देवासी से पूछा कि उन्हें जब ये नहीं पता था कि सिरोही शहर के लोगों को अतिवृष्टि से डेढ़ महीने बाद भी पानी की कमी पड़ रही है तो वो किस बात पर सिरोही शहर का हितैषी होने का दावा कर सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब सिरोही शहर पानी की किल्लत से जूझ रहा था तो उन पर उन्ही की पार्टी के लोग छात्रों की राजनीति में हस्तक्षेप करने का आरोप लगा कर उनका पुतला दहन कर रहे थे।
लोढा ने कहा कि जिस 98 लाख रुपये की स्वीकृति करवाने की बात देवासी आज कर रहे हैं दरअसल उसकी स्वीकृति जलदाय विभाग के पास पहले ही आ चुकी है। लोढा ने आरोप लगाया कि विधायक की कार्यप्रणाली और सिरोही की जनता की अनदेखी का परिणाम ही है कि उनकी पार्टी के जनप्रतिनिधियों को भी जनता को गंदा पानी वितरित किये जाने पर विरोध पर उतरना पड़ा।
लोढा ने कहा कि पेयजल फूड सेटी एंड सिक्योरिटी एक्ट के तहत खाद्य पदार्थ में आता है। यदि विधायक देवासी सिरोही की जनता के सच्चे हितैषी हैं तो सिरोही शहर के लोगों को कालका तालाब का गंदा पानी वितरित करने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ उन्हें और उनकी सरकार को एफ.आई.आर. दर्ज करवानी चाहिए।