नई दिल्ली। कांग्रेस की पत्रिका ‘कांग्रेस दर्शन’ में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर आपत्तिजनक लेख छपने के बाद पार्टी काफी असहज हो गई है। लेख में पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए गए हैं।
कांग्रेस पार्टी ने अपने स्थापना दिवस पर के मौके पर कांग्रेस दर्शन के लेख पर असहमति जताते हुए कहा है कि यह कांग्रेस ने महान और राष्ट्रीय नेताओं के खिलाफ शाजिश है, पार्टी को उनकी उपलब्धियों दोबारा याद दिलाने की जरूरत नहीं है।
जानकारी हो कि इस स्थापना दिवस से पहले ही पार्टी की मुंबई शाखा ने कांग्रेस के मुखपत्र ‘कांग्रेस दर्शन’ में लिखा है कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को अंतरराष्ट्रीय मामलों पर स्वतंत्रता सेनानियों और गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई की बात सुननी चाहिए थी। साथ ही सोनिया गांधी पर आरोप लगाया है कि वह हमेशा विदेशी मूल पर बात करने से कतराती रही है।
पत्रिका में उनके पिता को फासिस्ट बताया गया है। साथ ही यह दावा किया गया है कि पटेल की राय न मानने की वजह से नेहरू ने चीन, तिब्बत और नेपाल जैसे अंतरराष्ट्रीय मामलों को अस्त-व्यस्त कर दिया था।
इस लेख के सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी काफी असहज हैं। पार्टी इस लेख पर लगातार सफाई दे रही है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस के महान, राष्ट्रीय नेताओं की उपलब्धियों का कोई मोल नहीं है, इन नायकों के बारे में देश को दोबारा बताने की जरूरत नहीं है। यह लेख पार्टी को बदनाम करने की कोशिश है।
इसी तरह लेख पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महासचिव सीपी जोशी ने कहा कि कांग्रेस दर्शन के इस लेख से पार्टी सहमत नहीं है। जिसने भी यह गलती की है, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। पार्टी प्रवक्ता राज बब्बर ने भी इसे एक चूक करार दिया है।