सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला परिषद की साधारण बैठक में कांग्रेस की जिला परिषद सदस्य रंजु रामावत ने अपने मोबाइल में फोटो दिखाई तो सदन में चुप्पी छा गई। रामावत का दावा था कि यह फोटो सिरेाही के सभापति ताराराम माली की गाडी का है। उन्होंने दृढता से कहा कि इसमें नजर आ रही गाडी उन्हीं की है, जो बाल कल्याण समिति के कार्यालय के बाहर खडी है।
बैठक में रामावत ने पुलिस की कार्यप्रणाली का संदेह जताते हुए कहा कि आखिर क्यों करके पुलिस ने बाल श्रम के मामले का खुलासा नहीं किया। उन्होंने सदन में पूछा कि आखिर क्या वजह थी कि सिरोही सभापति बाल कल्याण समिति के पुनर्वास केन्द्र में गए। उन्होंने सदन में मौजूद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत की ओर मुखातिब होते हुए पूछा कि वह बताएं कि कौनसे होटल से बाल श्रमिक को छुडवाकर बाल कल्याण समिति को सौंपा था। इसी दौरान सभापति ताराराम माली वहां पर क्या करने के लिए पहुंचे थे।
जिला परिषद की बैठक में रामावत ने एक समाचार पत्र में प्रकाशित बाल श्रमिक का पुनर्वासित करने के मामले के समाचार की ओर सदन का ध्यानाकर्षित करवाया। उन्होंने इस खबर के हवाले से पूछा कि पुलिस बताए कि वह किसे बचा कर बाल श्रम जैसे कृत्य को बढावा दे रही हैं। इस मामले में पिण्डवाडा-आबू विधायक समाराम गरासिया व उप जिला प्रमुख कानाराम चैधरी ने बोलने का प्रयास किया तो रामावत ने उन्हें भी चुप करवा दिया। उल्लेखनीय हे कि सोशल मीडिया में बाल श्रम के मामले को दबाने के लिए सत्ताधारी दल के तीन नेताओं के सक्रिय होने की चर्चा दो दिनों से चल रही है।
-जीप चढाने वाले पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की मांग
हितेश मृत्यु प्रकरण में सिरेाही कोतवाली पर धरने के दौरान पुलिस के द्वारा धरनार्थियों पर जीप चढाने और जूते मारने की बात कहने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी रंजू रामावत ने की। रामावत के इस हरकत पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से जवाब मांगने पर एएसपी के मुंह से भी निकल गया कि धरनार्थी उठ नहीं रहे थे तो क्या करते। इस पर रंजू रामावत उन पर और भडक उठी और पुलिस विभाग की आपराधिक हरकत पर लानत मलामत देने लगीं।
-कौन पुलिसकर्मी घुसता था कन्या छात्रावास में
बैठक के दौरान रामावत ने महिला सुरक्षा के जिम्मेदार पुलिस विभाग के एक अधिकारी के महिला आवासीय विद्यालय में घुसकर रहने के मामले को भी उठाया। रामावत ने एएसपी से जावाल के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में घुसकर रहने वाले पुलिस अधिकारी का नाम उजागर करने को कहा। उन्होंने कहा कि आखिर ऐसा क्या है कि पुलिस ऐसे व्यक्ति को बचाना चाह रही है। उनके उस अधिकारी का नाम बताने और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानकारी चाहने पर एएसपी ने बताया कि संबंधित पुलिस अधिकारी को अल्टीमेटम दिया है। इस पर रंजु रामावत उन पर भडक गई। रामावत ने कहा कि महिला सुरक्षा की जिम्मेदारी जिस विभाग पर है उस विभाग के अधिकारी अपने मातहत को बचाने के लिए मात्र -अल्टीमेटम दे रहे हैं, जो शर्मनाक है।
-कलक्टर भी करने लगे टांगने की बात
मुख्यमंत्री की ओर से जिला कलक्टर को लपरवाह अधिकारियों को टांगने की बात कहने के बाद कलक्टर लक्ष्मीनारायण मीणा भी ऐसे कार्मिकों को टांगने के मूड मे हैं। शिवगंज प्रधान जीवाराम आर्य व जिला परिषद सदस्य कुलदीपसिंह के शिवगंज क्षेत्र के एमआई टैंक की जांच रिपोर्ट की प्रगति मांगी गई। इस पर जिला कलक्टर ने कहा कि जांच आने का समय बाकी है। उन्होंने बैठक में मौजूद जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता प्रकाश कुमार को दस कार्यदिवस में जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा। मीना ने जनप्रतिनिधियों को आवश्वस्त करते हुए कहा कि जो दोषी होगा उसे टांगने से नहीं चूका जाएगा।
-देरी से बैठक शुरू होने पर भी विवाद
जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया और रंजु रामावत के बीच जिला परिषद की बैठक देरी से शुरू होने को लेकर भी नोकझोंक हुई। जिला प्रमुख ने रामावत को नियमों का हवाला देते हुए कहा कि बिना कोरम के बैठक शुरू नहीं हो सकती। एसीईओ की ओर से कोरम पूरा होने की जानकारी मिलते ही वह बैठक में आ गई हैं। इस पर वह संतुष्ट हुई, लेकिन बैठक में जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक की गैर मौजूदगी पर फिर से रामावत ने नाराजगी जताई। इस पर कार्यवाहक एडीएम महेन्द्रसिंह ने जिला कलक्टर के वीसी में होने तथा पुलिस अधीक्षक के अवकाश पर होने की जानकारी दी। बैठक में बिजली, पानी, सडक, रसद समेत अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
-पेन ड्राइव तो दे दीजिए
जिला परिषद सदस्य कुलदीप सिंह ने अपने क्षेत्र में निशुल्क दवाओं को समय पूर्व जलाने और फैंकने का मामला उठाया। अपने क्षेत्र के चिकित्सा व्यवस्था की बदहाली की जानकारी व एक पेनड्राइव में लेकर आए थे। इस पेन ड्राइव को चलाकर सदन में दिखाने के लिए उन्होंने जिला प्रमुख दिया था, लेकिन यह पेनड्राइव चलाया नहीं। इस पर बाद में वह जिला प्रमुख से बोले कि मैडम, मेरा पेनड्राइव दे दो। यह सुनकर पूरे सदन में हंसी की फुहार छूट गई।
-भाजपा की संतोष का भी असंतोष
बैठक में भाजपा की जिला परिषद सदस्य संतोष का भी गुस्सा फूटा। सदन में उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र की एक सडक का सवा पांच लाख रुपया लगाकर एक सडक बनाई जा रही है। यहां पहले ही सडक बनी है तो उस सवा पांच लाख रुपये का क्या किया। इस मामले को उन्होंने पिछली बैठक में भी उठाया था। इसकी जानकारी नहीं मिलने पर वह नाराज हुईं। उनकी नाराजगी देखकर जिला प्रमुख ने वहां के बीडीओ का एक्सीडेंट होने और कार्यवाहक बीडीओ के पास काम दिए जाने की बात कही। और आश्वस्त किया कि एक सप्ताह में उन्हें इसकी जानकारी मिल जाएगी, तब वह शांत हुए।
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