नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि वह कब कथित रूप से लाभ के पद पर बैठीं रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु, नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा व विदेश मंत्रालय के राज्य मंत्री एमजे अकबर को मंत्रिमंडल से निष्कासित करेंगे।
ये सभी कथित रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल के थिंक-टैंक, इंडिया फाउंडेशन में निदेशक के पद पर काबिज हैं। पार्टी ने मांग की कि प्रधानमंत्री को लाभ के पद, कंफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट, और एफसीआरए के नियमों का उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ सीबीआई जांच करवानी चाहिए।
कांग्रेस ने कहा कि इन मंत्रियों को राज्यसभा या लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना चाहिए और दोबारा चुनाव लड़ना चाहिए।
कांग्रेस ने भाजपा पर यह हमला इस संबंध में ‘द वायर न्यूज वेबसाइट’ पर प्रकाशित रपट के आधार पर किया है। पार्टी ने कहा कि भाजपा महासचिव राम माधव और प्रसार भारती बोर्ड के चेयरमैन ए.सूर्य प्रकाश भी इंडिया फाउंडेशन के निदेशक हैं और उनके खिलाफ भी जांच शुरू की जानी चाहिए।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर इन मंत्रियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो पार्टी अदालत जाएगी या दूसरे संभावित तरीकों से उनपर शिकंजा कसेगी।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि लाभ से संबंधित विवाद के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मार्च 2006 में लोकसभा से और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा की थी।
सिब्बल ने कहा कि इससे बड़ा मित्र पूंजीवाद, कानून का उल्लंघन और भ्रष्टाचार का उदाहरण नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि यह एक कॉकटेल सरकार है, जो प्रतिष्ठान, और लाखों डॉलर के निजी व्यापार में निदेशक हैं, उन कंपनियों से प्रायोजित हैं, जो उन संबंधित विभागों से मदद लेती है, जिनके मंत्री उन कंपनियों में निदेशक हैं।
सिब्बल ने कहा कि इसलिए यह नागर विमानन, वाणिज्य और रक्षा और विदेश विभाग एक चैरिटेबल संगठन की तरह लगता है- एक सार्वजनिक हित संगठन की तरह।
उन्होंने कहा कि लोगों के हित में कैसे काम हो सकता है, जब सरकार और व्यवसाय एक ही प्लेटफॉर्म पर हो और एक-दूसरे से व्यापार के फायदे के बारे में बात करें।