गांधीनगर। गुजरात कांग्रेस को शुक्रवार एक और झटका तब लगा, जब उसके चार अन्य विधायकों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस तरह से दो दिन में इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या सात हो गई है।
कांग्रेस के वांसदा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चन्नाभाई चौधरी और बालासिनोर के मानसिंह चौहान, राम सिंह परमार (थसरा) व सी.के.रावलजी ने अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष रमनलाल वोरा को सौंप दिए। सी.के.रावलजी को बागी कांग्रेस नेता शंकर सिंह वाघेला का करीबी माना जाता है।
राजनीतिक सूत्रों ने कहा कि चौधरी व चौहान के सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की संभावना है। लेकिन, अमूल डेयरी के अध्यक्ष परमार ने कहा कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे।
यह घटनाक्रम एक दिन पहले गुरुवार को तीन अन्य विधायकों के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के एक दिन बाद सामने आया है।
एक अन्य वरिष्ठ विधायक राघवजी पटेल ने शुक्रवार को कहा कि वह अन्य पांच विधायकों के साथ इस्तीफा देने की तैयारी कर रहे हैं।
सौराष्ट्र के जामनगर (ग्रामीण) निर्वाचन क्षेत्र के विधायक राघवजी ने कहा कि मैं भाजपा में जाना चाहता हूं और पांच अन्य भी हैं, जो इसकी तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम निराश हैं। किसी ने हमारी आवाज नहीं सुनी और न ही हमारे विचारों की ओर ध्यान दिया।
रावलजी के अलावा पटेल और चौधरी व चौहाज भी वाघेला के करीबी माने जाते हैं। शंकर सिंह वाघेला ने विपक्ष के नेता पद से 21 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था। वाघेला ने आरोप लगाया था कि उन्हें पार्टी से बाहर निकालने के लिए आतंरिक षड्यंत्र रचा गया था।
सिद्धपुर से विधायक बलवंत सिंह राजपूत, विरामगाम से विधायक तेजश्री पटेल, और वीजापुर के विधायक पी. आई. पटेल ने गुरुवार को अपना इस्तीफा सौंपा और वे भाजपा में शामिल हो गए।
भाजपा में शामिल होने के कुछ मिनटों के भीतर राजपूत को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बाद पार्टी के तीसरे राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया।
विधायकों के इस्तीफे से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अहमद पटेल ने गुजरात से राज्यसभा के पांचवें कार्यकाल के लिए नामांकन दाखिल किया है।