नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को फिक्स कहने वाले पार्टी नेता शहजाद पूनावाला पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस पार्टी ने बयान जारी कर कहा है कि शहजाद पूनावाला पिछली कमेटी में थे, इस बार जो कमेटी बनी उसमें वो नहीं हैं। यहां तक कि, वे इस बार कांग्रेस पार्टी के सदस्य तक नहीं बने। ऐसे में जो कांग्रेस का सदस्य तक नहीं उसको मीडिया गंभीरता से न ले।
बतादें कि राहुल गांधी के एक सप्ताह में कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने की उम्मीद है। इससे पहले उनके रिश्तेदार शहजाद पूनावाला ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सिलेक्शन है, इलेक्शन नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि इस चुनाव में धांधली हो रही है। अगर सही ढंग से यह चुनाव हो तो वे भी इसमें भागीदारी कर सकते हैं। शहजाद के भाई तहसीन पूनावाला रॉबर्ट वाड्रा के जीजा हैं।
पूनावाला ने कहा है कि प्रेसिडेंट की पोस्ट के लिए होने वाले चुनाव में राहुल को फायदा पहुंचाने के लिए हेराफेरी की जा रही है। इसमें जो मेंबर वोट डालेंगे उनके नाम फिक्स हैं, इसमें धांधली की गई है। उन्होंने चुनाव की इस प्रॉसेस को राहुल के पक्ष में बताते हुए आरोप लगाया कि वे प्रेसिडेंट बनेंगे, क्योंकि वे गांधी परिवार से हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस के सचिव शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस में अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाया और कहा कि अगर निष्पक्ष चुनाव हुआ तो वह लड़ेंगे। शहजाद पूनावाला ने ट्वीट कर वंशवाद को भी निशाना बनाया और कहा कि एक परिवार से किसी एक को ही पद मिलना चाहिए, चाहे वह कोई भी हो।
शहजाद पूनावाला ने कहा कि 2011 से मैं राहुल गांधी से मिलना चाह रहा हूं ताकि उन्हें पार्टी में खामियों के बारे में बता सकूं। शहजाद पूनावाला ने कहा कि मेरा एजेंडा पार्टी को एक्सपोज करना नहीं है बल्कि सुधार करना है। मेरी कोशिश पार्टी में सुधार की है और इंतजार कर रहा हूं कि राहुल गांधी इसपर स्टैंड लेंगे।
शहजाद पूनावाला के इस बयान के बाद उनके भाई और कांग्रेस के ही नेता तहसीन पूनावाला ने ट्वीट कर शहजाद के इस बयान से खुद को अलग कर लिया और कहा कि अब उनका शहजाद से कोई लेना-देना नहीं है।
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए शुक्रवार से नामांकन पत्र दाखिल किए जाने हैं। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी 4 दिसंबर को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे, क्योंकि राहुल 1 और 2 दिसंबर को केरल में रहेंगे। माना जा रहा है कि राहुल गांधी को चुनाव का सामना नहीं करना पड़ेगा, उन्हें निर्विरोध चुन लिया जाएगा। अगर कोई और पद पर दावेदारी करना चाहेगा तो उसके लिए जरूरी होगा कि प्रदेश कांग्रेस कमिटी के 10 प्रतिनिधि उनका नाम प्रस्तावित करें।